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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मुझे इसमें बड़ा सन्देह है कि इन भेंटोंका कोई फायदा होगा। परन्तु यदि हमारे मित्र यह विश्वास लेकर लौटते हैं कि वे हाथ जोड़नेसे नहीं बल्कि सत्याग्रहकी संगीनकी नोकपर न्याय पा सकते हैं तो उनकी यात्रा कुछ सार्थक होगी।

मैं जब यह पत्र लिखवा रहा था, मिली और वाल्डो आ गये और लिखाना रुक गया। वे दोनों स्वस्थ हैं। मिली अपने नये और अस्थायी घरमें काफी प्रसन्न जान पड़ती हैं।

डॉक्टर मेहता होटलमें ठहरे हुए हैं। वे और मैं दोनों गत इतवारको उनके पुत्रको श्री वॉरलके ग्रामर स्कूलमें दाखिल कराने लाउथ गये थे। वे संघर्षको बहुत अच्छी तरह समझते हैं और मुझे लगता है कि वे अब यह देखने लगे हैं कि सत्याग्रह जीवनकी बहुत-सी बुराइयोंकी अचूक दवा है। उन्होंने कल आपके और मिलीके लिए उमर खैय्यामकी पुस्तकका एक भव्य संस्करण खरीदा। यह पुस्तक क्या है, अल्बम है। पूरी-की-पूरी लिथोपर छपी है। चित्र भव्य हैं और वैसे ही रंग भी हैं। आप जानते हैं कि अरबीके अक्षरोंसे कैसी अच्छी सजावट होती है। पुस्तकमें अरबी या फारसी लिखावट बहुत है। मैंने ऐसी चीज पहले कभी नहीं देखी। यह पुस्तक और दूसरी पुस्तकें अभी-अभी पहुँची हैं और मिली इसे देख चुकी हैं। मॉडको वह इतनी पसन्द आ गई है कि वह अपने लिए एक प्रति खरीदनेके खयालसे पाई-पाई जोड़नेवाली है। डॉक्टर मेहताने हमारे स्तम्भोंमें खोले गये गरीब सत्याग्रही कोषमें १० पौंड दिये हैं। वे २५ पौंड दे रहे थे। मैंने उन्हें सलाह दी कि १० पौंड इसमें दें और बाकी रकम फीनिक्स स्कूलको दे दें। कॉडिजने कुछ पुस्तकों और दूसरी चीजोंके लिए लिखा था। उसका परिणाम यह हुआ कि डॉक्टर मेहता और मैं कल एक पुस्तक-विक्रेताके यहाँ गये थे और साथकी सूचीके[१] अनुसार पुस्तकें खरीद भी लाये हैं। ये फीनिक्स पुस्तकालयमें रहेंगी और साथ ही स्कूलमें भी काम आयेंगी।

आप जानते हैं कि मैंने लगभग ६६० पौंडकी जीवन बीमा पालिसी ले रखी है। यह पालिसी श्री रेवाशंकर मेहताके[२] पास है। मैं चाहता हूँ कि आप उस पालिसीको लेकर कम्पनीके एजेंटसे मिल लें। इस बातसे मैं बहुत दिनोंसे परेशान हूँ। मुझे लगता है कि अब मेरे लिए इसका कोई उपयोग नहीं रहा है। अगर कम्पनी जो रकम काटना चाहे वह काटकर जमा किये हुए बाकी प्रीमियम लौटा दे और काटी हुई रकम बेजा न हो तो मैं चाहता हूँ कि पालिसीको छोड़ दूँ और जमा किये हुए प्रीमियमोंका बड़ा हिस्सा वापस ले लूँ।[३]

कल्याणदासके[४] बारेमें आप सारी बातें लिख भेजेंगे, मैं उसकी राह देख रहा हूँ।

हृदयसे आपका,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५०१९) से।

 
  1. यह उपलब्ध नहीं है।
  2. डाक्टर प्राणजीवन मेहताके भाई रेवाशंकर जे॰ झवेरी।
  3. गांधीजीके बीमा सम्बन्धी विचारों के लिए देखिए खण्ड ६, पृष्ठ ४४५।
  4. कल्याणदास जगमोहनदास मेहता; देखिए खण्ड. २, पृष्ठ ४७५। ४ सितम्बरके अपने पत्र में श्री पोलफने उसका उल्लेख करते हुए लिखा है: "कल्याणदासका कार्य सबसे श्रेष्ठ है।...उसका काम ठीक है; यद्यपि वह पहलेसे थोड़ा गंभीर हो गया है किन्तु फिर भी वह अभी तक वैसा ही सहृदय और समझदार बना हुआ है। मुझे वह प्यारा लगता है...।"