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पत्र: अमीर अलीको


ट्रान्सवालके मामलेपर अब भी बातचीत चल ही रही है। जनरल स्मट्स शनिवारको चले गये। उन्होंने रायटरको यह सन्देश दिया:

मैं आशा करता हूँ, यह[१] प्रश्न ट्रान्सवालके राजनीतिक क्षितिजसे लुप्त होनेपर आ गया है। ट्रान्सवालमें भारतीयोंके कुछ उग्र प्रतिनिधि जिस आन्दोलनको चला रहे हैं, उससे भारतीयोंका भारी बहुमत बेहद ऊब गया है और कानूनके आगे चुपचाप घुटने टेक चुका है। मैंने लॉर्ड क्रू से और इस मामलेमें दिलचस्पी रखने वाले दूसरे विशिष्ट नेताओंसे बार-बार बातचीत की है और मेरा खयाल है कि अब इस टेढ़ी समस्याका ऐसा समाधान निकल सकेगा जिसे सब समझदार लोग ठीक और उचित मानेंगे।

और इस समय मामला यहींपर है। इसीलिए समझौतेकी आशा करनेका कुछ कारण है। लॉर्ड ऍम्टहिलने इस मामलेमें बहुत ही अच्छा काम किया है; किन्तु यदि बातचीत लम्बी होती है तो जनरल स्मट्सकी दक्षिण आफ्रिकाकी वापसीको देखते हुए इस समय प्रश्न यह उठता है कि श्री हाजी हबीब और मैं यहाँ ठहरें या अब हमारे लिए उपयुक्त स्थान दक्षिण आफ्रिका है और आवश्यकता हो तो ट्रान्सवालकी जेल।

जहाँतक नेटालके शिष्टमण्डलका सम्बन्ध है, श्री अब्दुल कादिर और उनके मित्र लोग आकाश-पाताल एक कर रहे हैं। वे विवरणको सब जगह भेज रहे हैं। वे लॉर्ड क्रू से मिल चुके हैं और इस सप्ताह लॉर्ड मॉर्ले और कर्नल सीलीसे मिल रहे हैं। आगाखाँसे भी, जो पेरिसमें अपना इलाज करा रहे हैं, उनका पत्र-व्यवहार चल रहा है। वे सर मंचरजीसे भी लगातार सम्पर्क बनाये हुए हैं। उन्होंने भारतीय जनताके नाम जो पत्र लिखा है उसकी नकलसे प्रकट होता है कि वे अपनी शक्ति अब किस उपायपर केन्द्रित कर रहे हैं। उन्होंने आपको विवरण भेजा है। औपचारिक रूपसे वाइसरॉयको भी एक पत्र भेजा गया है, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया है कि यदि राहत न मिले तो वे नेटालमें भारतीयोंका प्रवास स्थगित करनेका उपाय अपनायें। वे खुद उपस्थित होकर आपके प्रति अपना आदरभाव प्रकट करनेके लिए अत्यन्त उत्सुक हैं, विशेषतः इसलिए कि उनको आपसे मिलने और आपकी सलाहपर चलनेकी खास हिदायत दी गई है। इसलिए यदि मुझे यह अन्दाज दे दें कि आप कबतक लौटनेवाले हैं तो मैं आपका कृतज्ञ हूँगा।

आशा करता हूँ कि आपका जो इलाज चल रहा है, उसमें कोई और रुकावट न आई होगी और आप पूरी तरह तन्दुरुस्त होकर लौटेंगे। मैं यह जिक्र भी कर दूँ कि कल बम्बई में ट्रान्सवालके कानूनके विरुद्ध आपत्ति प्रकट करनेके लिए एक सार्वजनिक सभा की जायेगी।

हृदयसे आपका,

न्यायमूर्ति अमीर अली, सी॰ आई॰ ई॰


होटल श्वेजरहॉफ,
वलपेरा टॅरास्प,


[स्विट्ज़रलैंड]

टाइप की हुई अंग्रेजी दफ्तरी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५०३५) से।

  1. भारतीयोंका प्रश्न।