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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

किन्तु मुझे इस रुपयेको फीनिक्सके सर्वोत्तम व्यक्तिके लिए काममें लानेके उद्देश्यसे स्वीकार करनेमें प्रसन्नता होगी, और यदि मैंने समझा कि मणिलाल इसके लिए सबसे अधिक उपयुक्त है तो मैं उसको भी भेजनेमें हिचकिचाऊँगा नहीं। अब इस सबसे मैं यह सोचता हूँ कि आप भी वहाँ कोई ऐसा काम कर सकते हैं। श्री पेटिट पैसेवाले आदमी हैं। यदि आप यह विश्वास दिला सकें कि हमारा उद्देश्य फीनिक्सको एक ऐसी जगह बना देना है जिसमें ठीक किस्मके आदमी और ठीक किस्मके भारतीय तैयार किये जा सकें तो दूसरे लोग भी मिल जायेंगे। इनमें से कुछ लोगोंको आप ऐसी छात्रवृत्तियाँ देनेके लिए राजी कर सकते हैं, जो या तो सामान्यतः उपयोगमें लाई जायें या केवल भारतीयोंके लिए सीमित कर दी जायें। हमें उनको दोनोंमें से किसी भी रूपमें स्वीकार कर लेना चाहिए। वे हमें इस निर्देशके साथ कि अमुक रकम पुस्तकें और शिक्षा सम्बन्धी अन्य सामान खरीदनेके लिए है, दान भी दे सकते हैं। आपको मुख्यतः उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि फीनिक्समें जो भी शक्ति लगाई जाती है उसका अर्थ भारतसे उतना ले लेना नहीं, बल्कि भारतको उतना देना होता है। और, कुछ बातोंमें फीनिक्स प्रयोग करने और समुचित प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अधिक उपयुक्त स्थान है। भारतमें अवांछनीय प्रतिबन्ध हो सकते हैं, परन्तु फीनिक्समें ऐसे कोई अवांछनीय प्रतिबन्ध नहीं हैं। उदाहरणके लिए, भारतीय महिलाएँ इतने साहसके साथ कदापि बाहर नहीं आ सकती थीं, जितने साहससे वे फीनिक्समें बाहर आ रही हैं। अन्य सामाजिक प्रथाएँ उन्हें सिर ही न उठाने देतीं।

मैंने आपको इतनी पर्याप्त सामग्री दे दी है कि आप इस विचारके आधारपर आगे सोच सकते हैं और जो आवश्यक समझें वह कर सकते हैं। आप आदमजी पीरभाई या उनके पुत्रसे सामान्य भारतीय लड़कोंके या मुसलमान लड़कोंके प्रशिक्षणके लिए छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं। आप उनसे पुरस्कार भी दिला सकते हैं। भारतकी विभिन्न शिक्षण-संस्थाओंके विवरण पत्र (प्रॉस्पेक्टस) भी देखनेके लिए ले लेना अच्छा होगा। श्री उमरके पास 'सेंच्युरी डिक्शनरी' और अन्यान्य महत्त्वपूर्ण पुस्तकें हैं, जिनका उनके लिए तनिक भी उपयोग नहीं है। मैंने अपने पत्रमें,[१] जिसे मैं इसके साथ भेज रहा हूँ, उनसे यह डिक्शनरी और जो अन्य पुस्तकें वे दे सकें, देनेको कहा था। इस सम्बन्धमें आप उनसे बात कर लें।

हृदयसे आपका,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५०४२) से।

 
  1. यह पत्र उपलब्ध नहीं है।