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२४६. लन्दन

[ सितम्बर ४, १९०९ से पूर्व ]

नेटालका शिष्टमण्डल

शिष्टमण्डलने कर्नल सीली और लॉर्ड मॉलेंसे भेंट की है। दोनों अधिकारियोंने बहुत सहानुभूति प्रकट की है। किन्तु कर्नल सीलीने कहा कि कुछ होना सम्भव नहीं है। लॉर्ड मॉर्लेने कहा कि यह उपनिवेश कार्यालयके हाथमें है, उनके अख्तियारकी बात नहीं है। फिर भी वे जितनी हो सकती है उतनी सहायता करते रहे हैं और करते रहेंगे। उन्होंने शिष्टमण्डलको याद दिलाया कि वे स्वशासित उपनिवेशके शासन कार्यमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते। शिष्टमण्डलके अनुरोधपर कर्नल सीलीने लिखित उत्तर देना स्वीकार किया है। शिष्टमण्डलके आवेदन-पत्रकी नकलें अभी भेजी जा रही हैं। सर मंचरजी भावनगरीसे भेंट होती रहती है और उनकी सलाह भी मिलती रहती है।

मन्त्री रवाना

श्री मेरीमैन, जनरल स्मट्स, श्री मूअर आदि दक्षिण आफ्रिकी मन्त्री गत सप्ताह यहाँसे रवाना हो चुके हैं।

डॉक्टर अब्दुर्रहमान

डॉक्टर अब्दुर्रहमान और उनके साथी उसी डाक-जहाजसे रवाना होंगे जिससे यह पत्र जायेगा। ये लोग अभी लड़ाई जारी ही रखेंगे। उन्होंने अभी यह नहीं बताया है कि उनकी लड़ाईका स्वरूप सत्याग्रह होगा या कोई दूसरा।

श्री मॉरिस

श्री मॉरिस, जो केपटाउनके उपनिवेश कार्यालयमें नौकर थे, कुछ काले लोगों द्वारा भेज गये हैं, यहाँ आये हैं।

सभ्यताका उन्माद

वायुमें विमान चलानेवाले श्री ब्लेरियट[१] और उत्तरी ध्रुवतक पहुँचनेका दावा करनेवाले डॉ॰ कुककी चर्चामें लन्दन पागल हो उठा है। अखबारोंमें उनके कामोंका ब्योरा खूब छप रहा है। देखते हैं, लोग इसमें हजारों पौंड फेंक देते हैं। इसमें उन्होंने कौन-सा चमत्कारी काम कर लिया, यह मैं तो समझ नहीं सकता। वायुमें विमान चलनेसे मानव-जातिको क्या लाभ होना है यह तो कोई नहीं बताता। कोई नया ढोंग करता दिखाई देता है तो लोग उसके पीछे पागलकी तरह भागते हैं। मुझे तो ऐसा लगता है कि यदि बहुत-से विमान वायुमें फिरेंगे तो हमारा जीवन असह्य हो जायेगा। नीचे देखें तो रेलगाड़ियाँ

  1. लुई ब्लेरियट (१८७२-१९३६) फ्रांसीसी उड़ाका; इंग्लिश चैनलको वायुमार्गसे पार करनेवाला पहला व्यक्ति।