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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


मुझे लॉर्ड क्रू का उत्तर अभी नहीं मिला है। मेरे मनमें प्रायः यह प्रश्न उठता रहता है कि क्या मेरा कर्तव्य साम्राज्य-सरकारको अपने कर्तव्य-पालनके लिए तैयार करनेकी आशासे यहाँ व्यर्थ पड़े रहनेकी अपेक्षा ट्रान्सवालमें जाना और अपने देशवासियोंके कष्टोंमें भाग लेना नहीं है? मैं जानता हूँ कि जहाँतक संघर्ष में सबल और निर्बल दोनों तरहके लोग समान रूपसे शामिल हैं वहाँतक चुपचाप लगातार कष्ट सहना और बातचीत तथा सार्वजनिक आन्दोलन, दोनों ही बातें उसके अंग हैं। लेकिन फिर भी बातचीत और सार्वजनिक आन्दोलनकी अपेक्षा चुपचाप लगातार कष्ट सहनेकी शक्तिमें मेरा विश्वास बहुत ज्यादा है। आपको यह विश्वास दिलानेकी आवश्यकता नहीं है कि मैं अधीर नहीं हूँ और जबतक आपकी सम्मतिमें प्रतीक्षा करना आवश्यक हो तबतक प्रतीक्षा करनेके लिए खुशीसे तैयार हूँ ।[१]

आपका, आदि,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५०६२) से।

२५८. लन्दन

[ सितम्बर १०, १९०९]

नेटालका शिष्टमण्डल

नेटालका शिष्टमण्डल अभी अपना विवरण विभिन्न स्थानोंको भेज ही रहा है। उसने एक पत्र अखबारोंको भेजा है। उसकी नकल नीचे लिखे अनुसार है। यह पत्र आज (१० सितम्बरको) 'टाइम्स' में प्रकाशित हुआ है। शिष्टमण्डलने कर्नल सीलीसे लिखित उत्तर देनेकी प्रार्थना की है। एक-दो दिनमें उत्तर आ जानेकी आशा है।

'टाइम्स' में पत्र

हमने नेटालके ब्रिटिश भारतीयोंके सम्बन्धमें विभिन्न स्थानोंको जो विवरण भेजा है, हम उसकी ओर आपका ध्यान आकर्षित करते हैं।
हम अनेक कष्टोंसे पीड़ित हैं। हम इन सब कष्टोंकी ओर आपका ध्यान एक ही बार आकर्षित करें तो हमारी बात व्यर्थ जानेका भय रहता है। इसलिए हमने उन्हीं बातोंको दिया है जो अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं। दक्षिण आफ्रिकाके उपनिवेशोंमें नेटालकी स्थिति विशिष्ट है। जब नेटालमें समृद्धिका प्रवाह उलटा हो गया था तब भारतीय मजदूरोंको खास तौरसे बुलाया गया था। अब नेटाल उसका परिणाम भुगतने से इनकार करता है, अर्थात्, वह चाहता है कि उपनिवेशको गिरमिटिया मजदूर जो लाभ पहुँचा सकें वह ले लिया जाये; किन्तु स्वतन्त्र भारतीयोंको न रखा जाये।
  1. लॉड ऍम्टहिलने इसके जवाब में ११ सितम्बरके पत्र में लिखा था: "मैं नहीं सोचता कि आपको लॉर्ड क्रू के उत्तर के लिए ज्यादा राइ देखनी पड़ेगी। अगर वे आपका मामला एक बार फिर सुननेसे इनकार कर दें तो मुझे बहुत आश्चर्य और दुःख होगा। अगर यह पत्र मिलने तक आपको उनका उत्तर न मिले तो यह बिलकुल मुनासिब ही होगा कि उन्हें आप याद दिला दें और बता दें कि आपका वक्त बहुत कीमती है और आप दक्षिण आफ्रिकाको वापस जानेके लिए बेचैन हो रहे हैं।"