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लन्दन
इसके लिए उसने प्रथम तो भारतीय व्यापारियोंको व्यापारिक परवाने (लाइसस) देना बन्द करके उनको गुजारेके साधनोंसे वंचित कर दिया है। जो अधिकारी ये परवाने जारी करते हैं या जिन्हें इनको एक स्थानसे दूसरेमें या एक व्यक्तिके नामसे दूसरे व्यक्तिके नाम बदलनेका अधिकार प्राप्त है, वे अधिकारी अपनी मनमानी चला सकते हैं। उनकी इस मनमानीसे बहुत-से भारतीयोंके परवाने छिन गये हैं। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालयमें अपील करनेका अधिकार दिया जाना चाहिए। दूसरे भारतीयोंको उपनिवेशसे चलता करनेके लिए गिरमिट खत्म होते ही भारतीय गिरमिटियों, उनकी स्त्रियों और बच्चोंपर भारी वार्षिक कर लगा दिया जाता है। तीसरे, भारतीयोंको सदा अज्ञानमें रखनेके लिए उनको जो थोड़ेसे शिक्षा-साधन प्राप्त थे, वे भी कम कर दिये गये हैं।
एक चर्चापत्रमें हमारे कष्टोंका पूरा विवरण कैसे समा सकता है? अधिकारी भारतीय एक खास आयुसे अधिकके अपने बालकोंको भी नहीं बुला सकते या अपने परिवारकी किसी निराश्रित स्त्रीको अपने साथ नहीं ला सकते। इससे आप देखेंगे कि भारतीय समाजपर तीन ओरसे आक्रमण किया गया है। इसलिए हम न्याय प्राप्त करनेके उद्देश्यसे ब्रिटिश राज्यके इस प्रधान स्थानमें आये हैं। नेटाल स्वतन्त्र उपनिवेश रहे या दक्षिण आफ्रिकी संघमें मिल जाये; किन्तु [भारतीयोंके] पुराने अधिकारोंकी रक्षा करना ब्रिटिश सरकारका कर्तव्य है। वह अपने इस कर्तव्यको पूरा नहीं करती। नेटालके कानूनोंमें हमारी राय नहीं ली जाती है; इसलिए हमारी रक्षाका उपाय ब्रिटिश सरकारके हाथमें है। नेटालके मामलेमें तो ब्रिटिश सरकारके हाथोंमें प्रभावकारी उपाय है। वह यह है कि नेटाल भारतीय गिरमिटियोंको अपने फायदेके लिए बुलाता है; उनको वहाँ भेजना बन्द कर दिया जाये। ऐसा किया जानेपर नेटालको उक्त तीनों प्रकारके कष्टोंसे भारतीयोंको मुक्त करना ही पड़ेगा।
हम आशा करते हैं कि इंग्लैंडके सार्वजनिक अखबार हमारी सहायताके लिए आगे आयेंगे और ब्रिटिश सरकारको अपने कर्तव्यका पालन करनेके लिए बाध्य करेंगे।

अब्दुल कादिर
आमद भायात
एच॰ एम॰ बदात
एम॰ सी॰ आंगलिया

क्या वे उत्तरी ध्रुव पहुँच गये?

उत्तरी ध्रुवकी खोज हो गई है या नहीं, और हो गई है तो किसने की, इस बारेमें अमेरिकाके दो गोरोंमें बच्चों जैसी बहस चल रही है। इनमें से एकका नाम डॉक्टर पेरी है और दूसरेका डॉक्टर कुक। दोनों व्यक्ति कहते हैं कि वे उत्तरी ध्रुवपर खड़े हो आये हैं। डॉक्टर पेरी कहते हैं कि डॉक्टर कुककी बात बनावटी है और डॉक्टर कुक कहते हैं कि डॉक्टर पेरीकी बात गलत है। इस विवादको लेकर लोग पागल हो गये हैं। अखबार इसी विवादसे भरे रहते हैं। उनका सारा स्थान यह विवाद और फुटबाल-क्रिकेटकी खबरें ले लेती हैं। उत्तरी ध्रुवके मिलनेसे दुनियाको क्या लाभ हुआ, यह मेरी समझसे बाहरकी बात

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