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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

है। इस योजनाके अनुसार हम लन्दनमें बहुत कम रुपया खर्च करके कुछ काम कर सकते हैं, यद्यपि वह काम रिचके कामके बराबर अच्छा कभी नहीं हो सकता। जब मैं इसे विस्तृत रूपसे तैयार कर लूँगा और आपके साथ विचार-विमर्श करूँगा तो मुझे विश्वास है, आप इसे खूब पसन्द करेंगे।

लॉर्ड ऍम्टहिलसे की गई चिट्ठी-पत्रीकी नकलसे आपको मालूम हो जायेगा कि वे अभीतक किस पूर्णतासे काम कर रहे हैं।

बादमें लिखाया—शुक्रवार [सितम्बर १७, १९०९]

हम अब लॉर्ड क्रू से मिल चुके हैं। भेंटका परिणाम लॉर्ड ऍम्टहिलको भेजे गये पत्र में[१] दिया गया है। उसकी नकल साथमें भेज रहा हूँ। इसलिए अब कष्टकी मियाद और लम्बी हो गई है।

मैंने सोचा था कि लॉर्ड क्रू के साथ जो भेंट हुई है उसका सार लिख लेना ज्यादा ठीक होगा, इसलिए मैं आपको इसकी नकल भेज रहा हूँ; या यों कहें कि डाकके समय तक पूरा कर सका तो भेज दूँगा।

मुझे यह नहीं मालूम है कि जो तार मुझे भेजे जा रहे हैं उनकी दूसरी नकल आपको भेजी जाती है या नहीं। कुछ भी हो, इस हफ्ते जो तार मिले हैं उनकी नकलें मैं आपको भेज रहा हूँ। पहला तार आपको लॉर्ड क्रू को भेजे गये पत्रकी[२] नकलमें मिलेगा। दूसरा चीनी संघका है। वह इस तरह है:

अध्यक्ष सहित ८० चीनी गिरफ्तार। पूरी सामर्थ्य से अनाक्रामक प्रतिरोध करनेका संकल्प और अधिक दृढ़। चीनी संघ।
दूसरा तार इसी १६ तारीखका है। उसमें कहा गया है:
कलकी सभा जोशीली। लड़ाई जारी रखनेका दृढ़ संकल्प। प्रस्तावोंमें रिहा लोगोंको बधाई, प्रतिनिधियोंपर पूर्ण विश्वासकी पुनराभिव्यक्ति, उनके प्रयत्नोंकी हार्दिक सराहना, पूर्ण समर्थनकी पुनः प्रतिज्ञा, वरनॉनके उस वक्तव्यका विरोध जो सरकार द्वारा खण्डन न होनेकी स्थितिमें एशियाइयोंकी दृष्टिमें सरकारी नीतिका द्योतक। रमजानमें मुसलमान कैदियोंको विशेष भोजन देनेकी प्रार्थना नामंजूर।

मैं इन तारोंके आधारपर लॉर्ड क्रू को एक पत्र भेज रहा हूँ।[३] कह नहीं सकता कि उस पत्रकी नकल भी आपको भेज सकूँगा या नहीं। शायद वक्त न रहे।

पिछले हफ्ते जोहानिसबर्गसे एक चिट्ठी मिली है। इस चिट्ठीका एक अनुच्छेद नीचे दिया। मैं इसे लॉर्ड क्रू को भेज रहा हूँ; लेकिन बहुत सचेत होकर ही। अगर आप इसका उपयोग करें तो कृपाकरके बहुत सावधान रहना। इसे छापना नहीं। हाँ, खास-खास कार्यकर्ता यह जान सकते हैं कि ट्रान्सवालकी जेलोंमें क्या हो रहा है। मेरी रायमें खबर कुछ बढ़ाकर दी गई है। लेकिन, जिस तमिलकी बात है उससे निर्दयताका बरताव किया गया

  1. देखिए पिछला शीर्षक।
  2. देखिए "पत्र: लॉर्ड क्रू के निजी सचिवको", पृष्ठ ३९८-९९।
  3. देखिए "पत्र : लॉर्ड क्रू के निजी सचिवको", पृष्ठ ४२१-२२।