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२८४. पत्र: लॉर्ड क्रू के निजी सचिवको

[लन्दन]
सितम्बर २९, १९०९

महोदय,

श्री पोलकने कठूरसे[१] तार भेजा है कि कठूरमें इसी २३ तारीखको एक सार्वजनिक सभा हुई थी। सभाके अध्यक्षने अधिकारियोंको यह तार दिया है:

कठूर, खोलवाड़[२] और घेला[३] क्षेत्रोंके निवासियोंकी सार्वजनिक सभा; ट्रान्सवाल सरकार द्वारा देशभाइयोंके उत्पीड़नपर तीव्र विरोध प्रकट करती है; साम्राज्य सरकारसे जोरदार अनुरोध करती है कि वे तुरन्त समस्याका हल खोजें, कष्टोंका जारी रहना रोकें, प्रजातीय अपमानको मिटायें।

श्री पोलकने तारसे यह खबर भी दी है कि अहमदाबाद और सूरतमें जोरदार सभाएँ हुई। इनमें साम्राज्य सरकारसे राहत दिलानेका अनुरोध करते हुए दो प्रस्ताव पास किये गये।

अगर आप कृपा करके इस पत्रको लॉर्ड महोदयके ध्यानमें ला देंगे तो मैं आभारी होऊँगा।

आपका, आदि,
मो॰ क॰ गांधी

[ अंग्रेजीसे ]

कलोनियल ऑफ़िस रेकर्ड्स: २९१/१४२।

२८५. पत्र : एच॰ एस॰ एल॰ पोलकको

[लन्दन]
सितम्बर २९, १९०९

प्रिय हेनरी,

डॉ॰ मेहताने मणिलालको जो छात्रवृत्ति देनेका प्रस्ताव किया था, उसके बारेमें आखिर मैंने फैसला कर लिया है। मेरा खयाल है, उस छात्रवृत्तिके सम्बन्धमें कुछ कि समय पहले मैंने आपको लिखा था। तब मैंने लिखा था कि मैंने डॉ॰ मेहतासे कहा है वे मुझे इस छात्रवृत्तिका उपयोग अपने चुने हुए किसी दूसरे फीनिक्सवासी छात्रके लिए भी करनेकी इजाजत दे दें। उन्होंने मेरा प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। लेकिन मैं जानता हूँ कि उन्होंने जब छात्रवृत्तिका प्रस्ताव किया था, तब सिर्फ इसलिए किया था कि उन्हें लगा था, वे कमसे-कम मेरे एक पुत्रकी शिक्षाका दायित्व उठा लें। लेकिन आज वे आपके और मेरे समान

  1. ये गाँव बड़ौदाकी भूतपूर्व रियासतमें ये। अब ये गुजरातके सूरत जिलेमें आते हैं। घेलाकी जगह घालन होना चाहिए।
  2. ये गाँव बड़ौदाकी भूतपूर्व रियासतमें ये। अब ये गुजरातके सूरत जिलेमें आते हैं। घेलाकी जगह घालन होना चाहिए।
  3. ये गाँव बड़ौदाकी भूतपूर्व रियासतमें ये। अब ये गुजरातके सूरत जिलेमें आते हैं। घेलाकी जगह घालन होना चाहिए।