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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

क्या मैं आपसे जल्दी उत्तर देनेकी प्रार्थना कर सकता हूँ?

आपका, आदि,
मो॰ क॰ गांधी

कलोनियल ऑफ़िस रेकर्ड्स २९१/१४२; और टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५११९) से।

२९८. पत्र: लॉर्ड मॉर्लेके निजी सचिवको

[लन्दन
अक्तूबर ८, १९०९]

महोदय,

मैं इस पत्रके साथ, ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीय प्रश्नके सम्बन्धमें लॉर्ड क्रू के आखिरी पत्र और उसके उत्तरकी[१] नकल सेवामें भेज रहा हूँ। यह लॉर्ड मॉर्लेकी जानकारीके लिए है।

आपका, आदि,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ५११८) से।

२९९. पत्र: लॉर्ड ऍम्टहिलको

[लन्दन]
अक्तूबर ८, १९०९

लॉर्ड महोदय,

मैं आपके पत्रके[२] लिए आभारी हूँ। चूँकि आपने सारी जिम्मेदारी मुझपर डाल दी है, मैंने बीचका रास्ता अपनाया है और दोनों पत्रोंको मिलाकर एक पत्र बना दिया है। पत्र जिस रूपमें गया है,[३] उसकी नकल मैं साथ भेज रहा हूँ। मुझे भरोसा है कि आप इसे पसन्द करेंगे।[४] इस बीच, मुद्रकको विवरणकी[५] २,००० प्रतियाँ छापनेका आदेश दिया जा रहा है।

आपका, आदि,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५१२०) से।

  1. देखिए पिछला शीर्षक।
  2. अक्तूबर ७ को लिखा पत्र।
  3. देखिए "पत्र: उपनिवेश-उपमन्त्रीको", पृष्ठ-४६७-६८।
  4. लॉर्ड ऍम्टहिलने ९ अक्तूबरको उत्तर देते हुए इस बातसे इनकार किया था: उन्होंने "सारी जिम्मेदारी" गांधीजीके कन्धोंपर डाल दी थी। उपनिवेश कार्यालयको उनके विचारसे भेजी गई चिट्ठीमें सुधार की कोई ज्यादा गुंजाइश नहीं थी। "मुझे ऐसा लगता है कि उसमें सारी बात कह दी गई है और बहुत अच्छी तरहसे कही गई है, इसलिए अगर आपको सन्तोषजनक उत्तर न मिला तो मुझे बहुत निराशा होगी।"
  5. देखिए "ट्रान्सवालवासी भारतीयोंवासी मामलेका विवरण", पृष्ठ २८७-३००।