तारका पहला हिस्सा बताता है कि एक पुराना कानून, जो ब्रिटिश भारतीयोंके विरुद्ध कभी लागू नहीं किया गया, अब उन्हें प्रिटोरिया शहरसे एक पृथक बस्तीमें भेजनेकी दृष्टि से पुनर्जीवित किया जा रहा है। पिछला हिस्सा बताता है कि श्री सोराबजी और मेढ, जिनके निर्वासित किये जाने की सूचना मैंने अपने इसी २२ तारीखके पत्रमें[१] दी थी, छः महीनेके लिए जेल भेज दिये गये हैं। मेरा खयाल है, श्री सोराबजी अब पाँचवीं बार और श्री मेढ चौथी बार जेल गये हैं।[२]
आपका, आदि,
कलोनियल ऑफ़िस रेकर्ड्स: २९१/१४२; और टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५१४५) से।
३२३. पत्र: लॉर्ड क्रू के निजी सचिवको
[लन्दन]
अक्तूबर २६, १९०९
नीचेका तार मद्राससे मिला है:
तारमें जिस भर्तीका जिक्र है वह नेटालके लिए भारतीय मजदूरोंकी भर्ती है।
आपका, आदि,
मो॰ क॰ गांधी
कलोनियल ऑफ़िस रेकर्ड्स २९१/१४२; और टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५१४७) से।