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३४४. पत्र: लॉर्ड ऍम्टहिलको

[लन्दन]
नवम्बर १०, १९०९

लॉर्ड महोदय,

आपके आजके पत्रके लिए मैं बहुत आभारी हूँ। चूँकि आप लॉर्ड-सभाकी अगली बहसमें भेंटकी[१] जानकारीका उपयोग करना चाहते हैं, इसलिए मैं इस बातसे बिल्कुल सहमत हूँ कि उस भेंटका विवरण लॉर्ड क्रू के पास पुष्टिके लिए भेज दिया जाये या...।[२]

यह जानकर हर्ष हुआ कि आपके पुत्रके स्वास्थ्यमें सुधार हो रहा है।[३]

आपका, आदि,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस॰ एन॰ ५१७२) से।

३४५. पत्र : लिओ टॉल्स्टॉयको

लन्दन
नवम्बर १०, १९०९

प्रिय महोदय,

"एक हिन्दूके नाम पत्र" के सम्बन्धमें और अपने पत्रमें[४] मैंने जिन बातों की चर्चा की थी, उनके सम्बन्धमें आपने जो रजिस्टर्ड पत्र भेजा है, उसके लिए मैं नम्रतापूर्वक आपको धन्यवाद देता हूँ।

आपके गिरते हुए स्वास्थ्यका समाचार सुन चुका था, इसलिए आपको कष्ट न देनेके खयालसे और यह भी जानते हुए कि धन्यवादकी लिखित अभिव्यक्ति केवल अनावश्यक औपचारिकता होगी, मैंने आपको इस पत्रकी प्राप्तिकी सूचना नहीं दी। किन्तु श्री एल्मर मॉडने, जिनसे मेरी भेंट अब हो पाई है, मुझे आश्वस्त किया कि आपका स्वास्थ्य बहुत अच्छा है और पत्र-लेखनका कार्य तो आप प्रतिदिन सुबह निरपवाद रूपसे और नियमपूर्वक करते ही हैं। यह समाचार पाकर मैं बहुत प्रसन्न हुआ और उससे मुझे उन बातोंके विषयमें, जो मेरे खयालसे आपकी शिक्षाके अनुसार अत्यन्त महत्त्वकी हैं, आपके साथ और अधिक चर्चा करनेका प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है।

  1. देखिए "लॉर्ड क्रू के साथ भेंटका सार", पृष्ठ ४०८-११ और परिशिष्ट ३३।
  2. यहाँ दफ्तरी प्रतिमें कुछ शब्द मिट गये हैं।
  3. लॉर्ड ऍम्टहिल्ने ७ नवम्बरको गांधीजीको खबर दी थी कि उनका एक बच्चा बीमार हो गया है, और इसलिए उन्होंने अगले दिनके लिए गांधीजीके साथ निश्चित भेंट स्थगित कर दी थी।
  4. देखिए "पत्र: लिओ टॉल्स्टॉयको", पृष्ठ ४४३-४५।