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पत्र: एच० एस० एल० पोलकको

सामर्थ्य और साहस होना चाहिए। मैंने उसको स्थितिके सम्बन्धमें, जो मैं बता सकता था, वह सब बता दिया है। मैंने उसको वहाँ प्रतिकूल पड़नेवाली सारी बातें, जितनी अच्छी तरह मैं बता सकता था, उतनी अच्छी तरह बता दी हैं। मैंने उसको यह भी कह दिया है कि उस कार्य में आर्थिक लाभ नहीं है। इसके अतिरिक्त मैंने उसे बताया कि स्वयं मिलीको फीनिक्सके जीवनसे मेल बैठाने में कठिनाई होती है। मैं उसे जितनी जानकारी दे सकता था उतनी उसको मिल गई है। मैंने उसको यह भी बताया है कि मैं कोई निश्चित सम्मति देनेकी स्थितिमें नहीं हूँ। उसे सबसे पहले पिताजी और माताजीकी अनुमति प्राप्त करनी चाहिए और फिर सैलीकी। जब उसे इन तीनोंकी अनुमति मिल जाये तब उसे अपनी स्थिति आपके सामने रखनी चाहिए और अन्ततः उसे मिलीकी सलाहपर निर्भर करना चाहिए। मैंने उससे यह भी कह दिया है कि मेरे दृष्टिकोणका वह कितना ही सम्मान करे और उसे कितना ही पसन्द करे, फिर भी मैं अपने आपको एक स्त्रीकी समस्त भावनाओंको समझनेके अयोग्य समझता हूँ और जब उसको मिलीकी प्रेमपूर्ण सहायता, और सलाह मिल सकती है तब वह मिलीके निर्णयपर निर्भर रहनेसे अधिक अच्छा और कुछ नहीं हो सकता। उसने मुझे कहा है कि वह घरको प्रति मास ४ पौंड भेजनेकी गुंजाइश चाहती है। मैंने उसको कहा है कि यह असम्भव नहीं है; परन्तु मुख्य विचारणीय बात यह है कि वह फीनिक्सके जीवनको ठीक-ठीक समझ और पसन्द कर सकेगी या नहीं। मैंने उससे यह भी कहा है कि ऐसा कोई निश्चित कार्य नहीं है जो उसे सौंपा जा सके। फीनिक्समें उन गृहकायेंस लेकर, जिन्हें छोटेसे-छोटा समझा जाता है, बच्चोंको पढ़ाने और उनके चरित्रका निर्माण करनेतक कुछ भी काम हो सकता है। अब मेरा खयाल है कि मैंने आपको सब-कुछ बता दिया है। वह आपको पूरी-पूरी बातें लिखेगी। आप उसे मेरी अपेक्षा अधिक अच्छी तरह जानते हैं और उसके नैतिक कल्याणके लिए जो मार्ग सर्वोत्तम समझते हैं उसे उसको दिखा सकेंगे। कुछ अन्य घरेलू मामलोंके सम्बन्धमें मैं आपके साथ विचार-विमर्श करना चाहता हूँ। अगर मदीरा पहुँचने तक अवकाश न मिला, तो आपको प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। परन्तु मेरी समुद्र-यात्राका कार्यक्रम इतना व्यस्त है कि उन घरेलू मामलोंपर, जो तात्कालिक महत्त्वके नहीं हैं, सम्भवतः विचार न कर पाऊँगा। मॉड आपको बहुत विस्तारसे लिख रही है और उसने अपना पत्र मुझे दिखानेका वचन दिया है। और यदि उस पत्रको पढ़नेके बाद मुझे कुछ और सुझाव देने होंगे तो मैं फिर लिखूँगा। मिली वेस्टक्लिफसे यहाँ शुक्रवारको आयेंगी और मैं इस सम्बन्धमें उनसे और यदि माताजी और पिताजीसे मिलनेका अवसर मिला तो उनसे भी भली भाँति विचार-विमर्श करूँगा। मिली होटलमें सोयेंगी, इसलिए आशा करता हूँ। कि मैं उसके साथ इतमीनानसे लम्बी बातचीत कर पाऊँगा। स्वभावतः अब हम जोहानिसबर्गकी अपेक्षा, जहाँ मैं उनसे अलग बहुत कम मिलता था, एक-दूसरेके बहुत करीब हैं; क्योंकि एक-दूसरेसे ज्यादा मिल पाये हैं। वाल्डो और ब्राउनी बहुत ही अच्छे दिखते हैं। मेरी अब भी यह राय है कि सुन्दरतामें वाल्डोकी बराबरी करना असम्भव नहीं, तो कठिन अवश्य है। वह दिनपर-दिन अधिकाधिक हठी होता जा रहा है। वह निश्चय ही बहुत मनमौजी है और आपको यह जान कर प्रसन्नता होगी कि उसको सिमंड्सके साथमें पूरा आनंद मिलता है। सैली मेरे पास बैठी हुई है। उसने मुझे याद दिलाया है कि मैं आपको ब्राउनीके सम्बन्धमें कुछ बताये बिना यह पत्र समाप्त न करूँ। उसकी ऊपरी कुरूपता मिट रही है और वह अब बोलने लगा है, य समाचार तो पुराने हो गये हैं। परन्तु कदाचित् आपको यह