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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

"नाबालिग" का अर्थ होगा सोलह सालसे कम उम्रवाला;

"एशियाइयोंका रजिस्टर" शब्दोंका मतलब होगा इस अधिनियमके प्रयोजनोंकी सिद्धि के लिए, विनियममें निर्धारित विधिके अनुसार रखा जानेवाला रजिस्टर;

"पंजीयक" का अर्थ होगा गवर्नर द्वारा एशियाइयोंका रजिस्टर रखनेके लिए नियुक्त किया गया अधिकारी या कोई दूसरा व्यक्ति जो उस पदपर वैध रीतिसे काम कर रहा हो;

"विनियम" का मतलब होगा इस अधिनियम के खण्ड १७ के अन्तर्गत बनाया गया कोई भी विनियम;

"अपंजीकृत एशियाई " का अर्थ होगा ऐसा बालिग एशियाई जो पंजीयन प्रमाणपत्रका धारक नहीं है।

भाग १

स्वेच्छया पंजीयनका वैधीकरण

२. (१) प्रत्येक व्यक्ति—

(क) जो सन् १९०७ के अधिनियम संख्या २ में दी गई परिभाषाके अनुसार एशियाई है; और
(ख) जिसके द्वारा या जिसके विषयमें सन् १९०८ की १० फरवरीको या उसके बाद सन् १९०८ की १० मई तक किसी भी दिन पंजीयक या अन्य किसी समुचित अधिकार प्राप्त अमलदारके नाम

पंजीयनके लिए अर्जी दी गई हो; और

(ग) जिसे या जिसके विषय में पंजीयक के द्वारा इस अधिनियमकी अनुसूचीमें दिये गये नमूनेके अनुसार प्रमाणपत्र दिया गया हो;

इस प्रमाणपत्रको प्राप्त कर लेनेपर ऐसे प्रमाणपत्रका वैध धारक माना जायेगा जिससे उसे उपनिवेश में प्रवेश करने और रहनेका अधिकार मिलता है।

(२) ऐसा प्रत्येक व्यक्ति भी जो सन् १९०७ के अधिनियम संख्या २ के अन्तर्गत पंजीयनके प्रमाणपत्रका वैध धारक था और इसलिए जिसे उस प्रमाणपत्र के बदले में इस अधिनियमकी अनुसूचीमें दिये गये नमूनेके अनुसार [नया] प्रमाणपत्र लेनेकी अनुमति दे दी गई है, उस प्रमाणपत्रका वैध धारक माना जायेगा जिससे उपनिवेशमें प्रवेश करने और रहनेका अधिकार मिलता है।

(३) प्रत्येक एशियाई, जिसके पास इस खण्डमें उल्लिखित कोई प्रमाणपत्र है, हर तरहसे, सन् १९०७ के अधिनियम संख्या २ के उपबन्धोंके नहीं, बल्कि इस अधिनियमके उपबन्धोंके अधीन होगा।

भाग २

इस अधिनियमके आरम्भ होनेके बाद एशियाइयोंका पंजीयन

३. कोई भी एशियाई इस अधिनियम के अन्तर्गत अपना पंजीयन करानेका अधिकारी होगा, यदि—

३. (क) वह खण्ड ४ के उपखण्ड (२) या (३) में वर्णित शर्तों को पूरा करता हो, चाहे वह इस अधिनियम के आरम्भ होते समय इस उपनिवेशमें रहा हो या न रहा हो; या

(ख) सन् १९०७ के अधिनियम संख्या २ के अन्तर्गत दिये गये पंजीयन प्रमाणपत्रका वैध धारक होनेके नाते वह उस प्रमाणपत्रके बदलेमें इस अधिनियम के अन्तर्गत दिया जानेवाला पंजीयन प्रमाणपत्र लेना चाहता हो; या
(ग) इस अधिनियमका आरम्भ होनेके समय वह इस उपनिवेशका नाबालिग अधिवासी था और इसलिए उसने उपनिवेशमें पहली बार ऐसे बालिग एशियाईके साथ प्रवेश किया था जो उसका अभिभावक था

और जो सन् १८८५ के कानून संख्या ३ के अन्तर्गत या उसके किसी संशोधन के अन्तर्गत पंजीयित था या इस अधिनियमके अन्तर्गत पंजीयित है या पंजीयनका अधिकारी है; या

(घ) उसका जन्म दक्षिण आफ्रिकाके किसी ऐसे हिस्से में हुआ था जो उसके जन्मकी तारीखके समय ट्रान्सवालकी सीमाओंके अन्दर था।