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परिशिष्ट ७

जेलमें बरताव: सख्त मेहनत

(१) ब्रिटिश भारतीय संघ, जोहानिसबर्ग द्वारा अक्तूबर १५, १९०८ को दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समिति, लन्दनको भेजे गये तारका अंश

"...गांधी आज पब्लिक स्क्वेयर, फोक्सरस्टमें मशक्कत कर रहे हैं..."

[अंग्रेजीसे]

कलोनियन ऑफ़िस रेकईस: १७९/२५१

(२) नेटाल इंडियन कांग्रेस, डर्बन द्वारा एल॰ डब्ल्यू॰ रिच, लन्दनको भेजे गये तारका अंश

"...गांधी तथा अन्य मार्केट स्क्वेयर में मशक्कत कर रहे हैं: ऐसे बरतावपर क्षोभ प्रकट किया जाता है...[१]

[अंग्रेजीसे]

कलोनियल ऑफिस रेकड्स: १७९/२५१

(३) उपनिवेश कार्यालय, लन्दनको लिखे एल॰ डब्ल्यू॰ रिचके दिसम्बर १, १९०८के पत्रका पाठ

मेरी समितिका ध्यान कर्नल सीलीके उत्तरकी ओर आकर्षित किया गया है। कल डॉक्टर रदरफोर्ड द्वारा कॉमन्स सभा में पूछे गये सवालके जवाब में उन्होंने यह कहा था कि ट्रान्सवालके गवर्नरसे प्राप्त एक तारसे ज्ञात होता है कि श्री गांधीने कभी भी आम सड़कोंपर मशकत नहीं की है।

मुझे मन्त्री महोदयको यह सूचित करनेका निर्देश मिला है कि मेरी समितिको आज सुबह एक तार मिला है, जो इस प्रकार है:

"कर्नल सीलोको गांधीजीके प्रति बरताबके बारेमें बिल्कुल गलत सूचना मिली है। हलफनामे भेज रहे हैं।" मुझे यह बता देनेका भी निर्देश है कि अक्तूवर १७ को रायटरके फोक्सरस्ट-स्थित संवाददाताने जोहानिसबर्गके समाचारपत्रोंको इस प्रकारका तार दिया था:

"श्री गांधी-सहित जिन भारतीयोंको कल सजा सुनाई गई थी वे आज यहाँके मार्केट स्क्वयर में सड़क बनानेका काम कर रहे थे।"

इसके अलावा, पादरी जे॰ जे॰ डोकने २१ अक्तूबरको पादरी एफ० बी० मायरको एक पत्र लिखा था। उसमें लेखक कहते हैं:

"श्री गांधीको पिछले बुधवारको २ महीने की सख्त कैद की सजा हुई और वे अब कैदियोंकी पोशाकमें काफिरोंके झुंडके साथ फोक्सरस्टमें मार्केट प्लेसमें हाथमें गैंती लिये सड़क बनाते हुए देखे जा सकते हैं।"

[अंग्रेजीसे]

कलोनियल ऑफिस रेकईस: २९१/१३२

(४) 'रैंड डेली मेल' को लिखे रॉबर्ट सदरलैंडके पत्रका अंश

...यदि राष्ट्रपति क्रूगरने श्री गांधी तथा अन्य उच्च वर्गके शिक्षित ब्रिटिश भारतीयोंको, केवल इस कारणसे कि उन्हें सजा मिली है, जेलकी पोशाकर्मे भूतपूर्व गणतंत्रफी आम सड़कोंपर पत्थर तोड़नेके लिए भेजा होता; यदि उन्होंने भारतीय स्त्रियों तथा बच्चोंके प्रति अमानवीय बरताव किया होता, कि एक चश्मदी गवाह

  1. रिचने इन तारोंकी नकले १७ अक्तूबरको कलोनियल ऑफ़िस, लन्दनको भेज दी थीं।