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परिशिष्ट १२

गांधीजीके नाम लॉर्ड कर्जनका पत्र

ग्रट शूर
रांडेवॉरख
फरवरी २, १९०९

प्रिय महोदय,

मुझे अत्यन्त खेद है कि अस्वस्थता के कारण अपने कार्यक्रम में परिवर्तन हो जानेसे मैं जोहानिसबर्ग में बहुत थोड़े समय रुका और आपकी समितिसे व्यक्तिगत रूपसे मिलकर मामलेपर बातचीत करने में असमर्थ रहा।

तथापि, मैंने निजी जाँच-पड़ताल करके और आप तथा अन्य लोगोंके सौजन्यसे उपलब्ध कागजातकी मददसे मामलेके दोनों पहलुओंको जान लेनेका प्रयत्न किया।

मेरे यहाँ आनेपर परमश्रेष्ठ लॉर्ड सेल्बोर्नने जनरल बोथा और श्री स्मट्ससे मेरी मुलाकातका प्रबन्ध किया था। हम लोगोंने मामलेपर लम्बी और मैत्रीपूर्ण चर्चा की, और उसके हर पहलूपर विचार किया गया।

आपकी ओरसे बोलनेका अधिकार मुझे नहीं था। किन्तु भारतके साथ और मामलेके पूर्व इतिहाससे मेरा जो सम्बन्ध रहा है, उसे देखते हुए मैं कुछ राय दे सकनेकी स्थितिमें था।

बातचीत आरम्भ करते समय मेरा खयाल था कि वर्तमान कठिनाईका एक ऐसा हल निकाल सकना असम्भव नहीं है जो सभी पश्चोंके लिए समान रूपसे सम्मानजनक हो। मुझे जनरल बोथा और श्री स्मटसने बारबार आश्वासन दिया कि वे ट्रान्सवालके ब्रिटिश भारतीयों के साथ उदारता और न्यायका बरताव करनेको उत्सुक हैं।

अब यह अनुमान लगाना तो व्यर्थ ही होगा कि यदि मैं उपनिवेश में और अधिक समय तक रुकता और सब मुख्य पक्षोंसे व्यक्तिगत सम्पर्क स्थापित कर पाता तो कोई समझौता हो जाता या नहीं।

उस समय समझौतेके रास्ते में जो मुख्य बाधा मालूम पड़ती थी, वह यह थी कि यदि सम्पूर्ण दक्षिण आफ्रिकामें एक ही सरकार स्थापित होनेकी आशा फलित हुई—जैसा कि हम सबको विश्वास है, होगी—तो शीघ्र ही सारे मामलेपर एक ऐसी सता द्वारा पुनर्विचार किया जायेगा जो किसी भी एक राज्यकी अपेक्षा कहीं अधिक शक्तिशाली होगी। और तब समस्याका हल भी केवल ट्रान्सवालके भारतीयोंकी स्थितिको प्रभावित करनेवाले मुद्दोंको दृष्टिमें रखकर नहीं, बल्कि एक अधिक व्यापक स्तरपर किया जायेगा।

जैसे ही इस देश में संघ बनेगा वैसे ही दक्षिण आफ्रिकाकी संयुक्त सरकार और साम्राज्य सरकारके बीच इस सवालपर और अन्य दूसरे मसलोंपर बातचीत चलेगी। मैं व्यक्तिगत तौरपर यह आशा करता हूँ कि इस बातचीतके मौकेपर, जिसमें अब बहुत विलम्ब होनेकी सम्भावना नहीं है, इस जटिल समस्याका अन्तिम और संतोषजनक फैसला हो जाना चाहिए।

यदि उस अवसरपर या अन्य किसी भी समय मैं दक्षिण आफ्रिका के भारतीय समाजकी कोई सेवा कर सकूँ तो मुझे बहुत प्रसन्नता होगी।

आपका विश्वस्त,
कर्ज़न

सेवा में


अवैतनिक मन्त्री, ब्रि॰ भा॰ संघ


जोहानिसबर्ग

टाइप की हुई मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ४९२०) से।