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परिशिष्ट १३

बैठककी कार्यवाही जून १३, १९०९ को हुई

ब्रिटिश भारतीयोंकी एक विशेष समितिकी स्थापना की गई है, जो इंग्लैंड जानेवाले शिष्टमण्डलके सदस्योंका चुनाव करेगी।

निम्नलिखित व्यक्ति समिति के सदस्य हैं:

१. हा॰ व॰ अली, २. मो॰ क॰ गांधी, ३. हाजी हवीब, ४. अ॰ मु॰ काछलिया, ५. टी॰ नायडू, ६. एन॰ ए॰ कामा, ७. शहाबुद्दीन, ८. उमरजी साले, ९. कमीसा, १०. दादाभाई, और ११. जी॰ वी॰ गॉडफ्रे।

श्री गांधी प्रस्ताव करते हैं कि काछलिया और स्वयं वे [गांधीजी] श्री वी॰ ए॰ चेट्टी और हाजी हबीबके साथ—श्री हाजी हवीबके साथ इसलिए कि अब वे भी अपनेको सत्याग्रही घोषित करते हैं—इंग्लैंड जायें।

श्री अली प्रस्तावका इस आधारपर विरोध करते हैं कि (१) यह घोषणा हृदयसे नहीं की गई है, (२) क्योंकि आदेश एकीकरणपर नहीं है, और (३) क्योंकि वी० ए० चेट्टी योग्य नहीं हैं।

श्री कमीसा श्री अलीसे सहमत हैं। कामा चुने जायें तो उन्हें बेहतर समझा जायेगा।

श्री जी॰ वी॰ गॉडफ्रे प्रस्तावपर इसलिए आपत्ति करते हैं कि: (१) शिष्टमण्डलके कुछ सदस्य तो अयोग्य होनेके कारण इंग्लैंडमें किसी कामके नहीं होंगे, और (२) ट्रान्सवालके अधिकांश भारतीय इस एकतरफा प्रस्तावसे सहमत नहीं होंगे।

श्री दादाभाई दूसरा प्रस्ताव करते हैं कि श्री फामा, श्री गांधी और श्री हवीबको जाना चाहिए।

श्री कामा श्री गांधीके मूल प्रस्तावका समर्थन करते हैं।

श्री नायडू समझाते हैं कि सभाको श्री चेट्टीकी योग्यताओंके बारेमें गलतफहमी है। वे अंग्रेज श्रोताओंके सम्मुख भाषण करने में समर्थ हैं। श्री नायडू सुधारकर कहते हैं कि श्री चेट्टी अपनी बात उतनी ही स्पष्टतासे कह सकते हैं जितनी कि श्री हबीब या श्री काछलिया। और अब श्री शहाबुद्दीन प्रस्ताव करते हैं कि "सत्याग्रह न करनेवालोंको जाना चाहिए, सत्याग्रहियोंको नहीं।"

इस प्रस्तावपर मत लिया जाता है और निम्नलिखित सज्जन इसके पक्ष में मत देते हैं: श्री अली, गॉडफे, शहाबुद्दीन, कमीसा और हाजी हवीब। विरोध में मत देनेवाले ये हैं: कामा, गांधी, नायडू, दादाभाई, फाढलिया और उमरजी साले।

श्री गांधी अपना मूल प्रस्ताव पेश करते हैं। इसपर मत लिये जानेपर वह ३ मतोंके विरुद्ध ६ मतों से स्वीकार किया जाता है। पक्षमें मत देनेवाले ये हैं: श्री गांधी (प्रस्तावक), श्री उमरजी साले (अनुमोदक), नायडू, कामा, दादाभाई और काछलिया। विरोध करनेवाले ये हैं: श्री अली, गॉडफ्रे और शहाबुद्दीन। श्री कमीसा मतदानसे इनकार करते हैं।

श्री गॉडफ़े श्री गांधी के प्रस्तावपर फिरसे आपत्ति करते हैं। श्री अली भी आपत्ति करते हैं।

श्री हाजी हवीब इस अवसर पर अपनेको सत्याग्रही घोषित करते हैं, और इसी शर्तपर वे शिष्टमण्डल में जायेंगे।

लगभग ३०० भारतीय सभामें उपस्थित हैं।

टाइप किये हुए मूल अंग्रेजी मसविदेकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ४९३८) से।