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परिशिष्ट २६

उपनिवेश-उपमन्त्रीके नाम एम॰ सी॰ आंगलियाका पत्र

वेस्टमिन्स्टर पैलेस होटल
४, विक्टोरिया स्ट्रीट
[लन्दन] एस॰ डब्ल्यू॰
सितम्बर २०, १९०९

सेवा में


उपनिवेश-उपमन्त्री
कलोनियल ऑफिस [लन्दन,]
एस॰ डब्ल्यू॰


महोदय,

आपके इसी महीनेकी १३ तारीखके पत्रकी प्राप्ति सधन्यवाद स्वीकार करनेका मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जो आपने नेटालके उस भारतीय शिष्टमण्डलके जवाबमें लिखा है जो हाल ही में लॉर्ड क्रू और बादमें कर्नल सीलीसे मिला था।

अपने साथियोंकी तथा अपनी ओरसे मैं इस जवाबके आशयके प्रति खेद तथा निराशा व्यक्त करता हूँ। लॉर्ड क्रू ने जो सहानुभूति व्यक्त की है, उसका हम पूरी तरह सम्मान करते हैं और उसके लिए आभारी हैं। परन्तु लॉर्ड महोदयकी तरफसे किसी भी ऐसे आश्वासनका न मिलना हमें खटकता है कि मौजूदा तकलीफोंके बारेमें सीधे उपनिवेश सरकारसे आगे भी सद्भावनापूर्ण एवं दृढ़ शब्दोंमें अनुरोध किया जायेगा। क्या हम फिर एक बार याद दिला दें कि ये तकलीफें फिलहाल समाजपर बहुत बुरा असर डाल रही हैं और वे ऐसी नहीं हैं कि उनको दूर करने में देर करनेकी गुंजाइश हो। व्यापारी समाज डरता और काँपता हुआ अगले वर्षकी प्रतीक्षा कर रहा है, क्योंकि वही समय है जब कि परवाना अधिकारी (लाइसेसिंग ऑफिसर्स) भारतीय परवानोंपर जोर-शोर से कतरनी चलायेंगे। ऐसा भय उन भारतीयोंको भी है जिन्हें अपने लिए, अपनी पत्नियों तथा बालिग बच्चोंके लिए ३ पौंडका सालाना कर चुकाना होगा, जब कि भारतीय बचकी शिक्षाकी बुरी तरहसे उपेक्षा हो रही है।

शायद यह नहीं महसूस किया गया कि परवाना कानून (लाइसेन्सिग लॉ) सबपर लागू होता है, इसलिए वह साउथ आफ्रिका बिलमें कराये गये उस संशोधनके दायरेमें नहीं आता जो महामहिमकी सरकारकी इच्छासे हुआ था और जिसके द्वारा एशियाश्योंपर खास तौरसे तथा भेदभावकारी प्रभाव डालनेवाले मामलोंका नियन्त्रण तथा प्रशासन संघ-सरकारको सौंप दिया गया है। परवाना कानून जातिका विचार किये बगैर सबपर लागू होता है। शिष्टमण्डलकी रायमें वर्तमान नेटाल संसद इसमें संशोधन कर सकती है और जब नेटाल संसद एक प्रान्तीय विधानसभा में परिवर्तित हो जायेगी, तब वैसा होगा भी ।

शिष्टमण्डलने सविनय निवेदन किया था कि यदि नेटालके भारतीयोंकी गम्भीर तकलीफें दूर नहीं कर दी जातीं, तो गिरमिटिया मजदूरोंका नेटालमें आना बन्द कर दिया जाये। शिष्टमण्डल खेदके साथ देखता है कि इस नम्र निवेदनका उसे कोई जवाब नहीं मिला ।

अतएव, शिष्टमण्डल नेटाल्के भारतीयों के मामलेकी निराशापूर्ण अवस्थाकी तरफ लॉर्ड क्रू का ध्यान सादर आकर्षित करनेका साहस कर रहा है और लॉर्ड महोदयसे प्रार्थना करता है कि वे नेटाल सरकारपर राहत देनेकी ज़रूरीके बारेमें जोर डालें।

[अंग्रेजीसे]

आपका अत्यन्त आज्ञाकारी सेवक,
एम॰ सी॰ आंगलिया

कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स: १६९/२५५।