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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
सितम्बर २१: ब्रिटिश भारतीय संघ (ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन) ने उपनिवेश सचिवसे सैयद अलीके मामलेमें राहतकी माँग की और कैदियोंके भोजनमें सुधार करनेको कहा। हरिलाल गांधी और अन्य व्यक्तियोंके खिलाफ दायर किये गये मुकदमे उठा लिये गये और फोक्सरस्ट जेलसे रिहा कर दिया गया।
नया एशियाई कानून अमलमें आ गया।
सितम्बर २२: नेटालके सर्वोच्च न्यायालयने फैसला दिया कि प्रवासियोंके बच्चोंको प्रवासी प्रतिबन्धक अधिनियम, १९०७ (इमिग्रॅन्ट्स रिस्ट्रिक्शन ऐक्ट, १९०७) के अन्तर्गत सजा दी जा सकती है।
हरिलाल गांधी जोहानिसबर्ग पहुँचे।
सितम्बर २३: स्मट्सने समझौतेके लिए भारतीयों द्वारा रखी गई शर्तोंको अस्वीकार कर दिया।
जेल-निदेशक (डायरेक्टर ऑफ प्रिजन्स) ने सैयद अलीके प्रति दुर्व्यवहार किये जानेकी बात गलत बताई।
सितम्बर २४: ब्रिटिश भारतीय संघने सैयद अलीका हलफिया बयान जेल-निदेशकको भेजा। उपनिवेश-सचिवने ट्रान्सवालकी जेलोंमें भोजन-सम्बन्धी विनियमोंके बारेमें हस्तक्षेप करनेमें असमर्थता प्रकट की।
सितम्बर २५: ब्रिटिश भारतीय संघने जेल-निदेशकको लिखा कि सभी भारतीय कैदियोंको एक ही तरहका भोजन दिया जाना चाहिए और चरबीकी जगह उन्हें घी मिलना चाहिए।
सितम्बर २६: गांधीजीने डर्बन पहुँचकर नेटालके नेताओंको सलाह दी कि वे भारतीयोंको अंगूठोंकी छाप देकर नेटालमें आनेसे रोकें; उन्होंने ट्रान्सवालके संघर्षमें नेटालने जो हिस्सा लिया, उसकी प्रशंसा की।
सितम्बर २८: ब्रिटिश भारतीय संघने उपनिवेश सचिवसे भारतीय कैदियोंकी भोजन-तालिकाके बारेमें जानकारी माँगी।
पोलकने 'प्रिटोरिया न्यूज' द्वारा भारतीयोंपर लगाये गये इस आरोपका खण्डन किया कि उन्होंने समझौतेसे सम्बन्धित अपना काम पूरा नहीं किया।
सितम्बर ३०: डर्बनमें 'नेटाल मर्क्युरी' के प्रतिनिधिको एक लम्बी भेंटके दौरान गांधीजीने इस बातपर जोर दिया कि भारतीय निर्वाध प्रवेश अथवा व्यापारकी इच्छा नहीं करते; वे कानूनकी दृष्टिमें भेदभाव रखा जानेपर अवश्य आपत्ति करते हैं। ब्रिटिश भारतीय संघने दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समितिको पुराने कानूनके अन्तर्गत भारतीयोंकी गिरफ्तारी और सजाके विरोधमें तार दिया और कानूनके रद किये जानेकी माँग की।
अक्तूबर २: जोहानिसबर्गके पादरियोंकी ओरसे भारतीयोंके प्रति किये जानेवाले दुर्व्यवहारके विषयमें एक ज्ञापनका मसविदा तैयार किया।
नेटाल भारतीय कांग्रेसने उपनिवेश-सचिवको तार देकर सूचित किया कि प्रवासी अधिकारीने भारतीय यात्रियोंको डर्बनमें उतरने नहीं दिया है। दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समितिको भी कोमाटीपूर्टमें भारतीयोंके गिरफ्तार होनेका समाचार तारसे दिया।