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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
नवम्बर २२: कलकत्तामें सार्वजनिक सभा हुई जिसमें १९०७ के कानून २ को रद न करनेके लिए ट्रान्सवाल सरकारकी निन्दा की गई। सुरेन्द्रनाथ बनर्जीने इस बातपर क्षोभ प्रकट किया कि गांधीजी जैसे व्यक्तिके साथ जोहानिसबर्गकी सड़कोंमें अपमानजनक व्यवहार किया गया है।
नवम्बर २४: पोलकने अदालतके सामने गांधीजी और अन्य कैदियोंके छुटकारेकी पैरवी की। जोहानिसबर्ग व्यापार संघ (चैम्बर ऑफ कॉमर्स) ने प्रस्ताव पास किया कि सरकार भारतीय समाजके दबावमें आकर कानून लागू करनेसे पीछे नहीं हटेगी।
नवम्बर २५: शाही उपनिवेशोंमें प्रवास-सम्बन्धी जाँचके लिए लॉर्ड सैंडर्सन-कमीशनकी नियुक्ति।
नवम्बर २७: महान्यायवादी (अटर्नी जनरल) ने गांधीजी और अन्य कैदियोंको फोक्सरस्ट जेलसे छोड़ना नामंजूर कर दिया।
नवम्बर २८: जनरल बोथाके इस वक्तव्यका मुसलमानोंने तार भेजकर खण्डन किया कि "अभीतक ज्यादातर मुसलमानोंने सत्याग्रह संघर्ष में भाग लेनेसे इनकार कर दिया है।" ब्रिटिश भारतीय संघ (ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन) ने महान्यायवादी, प्रिटोरियाको लिखा कि जोहानिसबर्ग जेलमें भारतीय कैदियोंके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
नवम्बर २९: ब्रिटिश भारतीय संघने एक सभा करके सरकारसे भारतीयोंकी माँगको पुरा करनेके लिए कहा और यह भी कहा कि यदि ऐसा न किया गया, तो सत्याग्रह जारी रखा जायेगा।
गांधीजीने फोक्सरस्ट जेलसे सन्देश भेजा कि भारतीयोंको अपनी प्रतिज्ञापर अटल रहना चाहिए। सन्देश जोहानिसबर्गकी सार्वजनिक सभामें पढ़ा गया।
नवम्बर ३०: लन्दनके 'न्यू रिफार्म क्लब' में भाषण देते हुए श्री गोखलेने दक्षिण आफ्रिकामें भारतीयोंको होनेवाले कष्टोंका उल्लेख किया और कहा कि ब्रिटिश राज्यके प्रति अविश्वास फैलनेके कारणोंमें यह भी एक है।
कर्नल सीलीने कॉमन्स सभामें कहा कि जहाँतक उन्हें मालूम है, गांधीजीसे आम सड़कोंपर कभी कोई सख्त काम नहीं लिया गया।
दिसम्बर १: ब्रिटिश भारतीय संघने दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समितिको तार किया कि "गांधीजीके साथ किये गये व्यवहारके सम्बन्धमें कर्नल सीलीकी जानकारी बिल्कुल गलत है। हलफनामे भेजे जा रहे हैं।"
फोक्सरस्ट मजिस्ट्रेटने पोलक द्वारा की गई भारतीय पैरवीको ठीक मानकर उस भारतीयको छोड़ दिया जिसने शिनाख्त करानेसे इनकार कर दिया था।
गांधीजी और उनके सहयोगियोंको एनी बेसेंटने शुभ-कामनाओंका सन्देश भेजा।
दिसम्बर १०: लॉर्ड सेल्बोर्नने जनरल बोथाको शाही सरकारके इस विचारसे अवगत कराया कि ट्रान्सवाल सरकारको उन भारतीयोंके साथ उदार व्यवहार करना चाहिए जिन्हें युद्धसे पहले अधिकार मिल चुके हैं; निश्चित संख्या में शिक्षित भारतीयोंको प्रवेश दिया जाना चाहिए; १९०७ के कानून २, और १९०८ के कानून २६, को रद किया जाना चाहिए और कुछ समयके बाद प्रवासके सम्बन्धमें कोई सख्त कानून बना देना चाहिए।
दिसम्बर १२: गांधीजी फोक्सरस्ट जेलसे छूटे। जोहानिसबर्ग जाते हुए फोक्सरस्टमें संवाददाताओंको जेलमें किये जानेवाले दुर्व्यवहारके विषयमें बताया।
जोहानिसबर्ग में स्वागत सभामें भाषण दिया।