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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
दिसम्बर १३: हमीदिया इस्लामिया अंजुमनने गांधीजी और इमाम अब्दुल कादिर बावजीरके सम्मानमें सभा की।
दिसम्बर १४: तमिल समाजमें बोले। उसके बाद तमिल कल्याण सभा [तमिल बेनिफिट सोसाइटी] द्वारा दिये गये भोजमें शामिल हुए।
दिसम्बर १५: जनरल बोथाने लॉर्ड सेल्बोर्नको सूचित किया कि सरकार अपनी नीति बदलने में असमर्थ है।
ट्रान्सवालके उपनिवेश-सचिवने ट्रान्सवालके गवर्नरके पत्रका जवाब देते हुए कहा कि १९०७ के कानून २ को रद करनेका वचन कभी नहीं दिया गया था।
दिसम्बर १८: गांधीजीने जोहानिसबर्गमें नायडू और अन्य धरनेदारोंकी पैरवी की।
ट्रान्सवालके प्रमुख यूरोपीयोंकी सभामें बोले।
दिसम्बर २१: रिचने उपनिवेश कार्यालयको वे हलफिया बयान भेजे जिनमें कहा गया था कि गांधीजीसे जेलमें सख्त शारीरिक काम लिया गया।
दिसम्बर २३: फोक्सरस्ट जेलके अधिकारी नेल्सनको गांधीजीने टॉल्स्टॉयकी पुस्तक 'किंगडम ऑफ गॉड इज़ विदिन यू' भेंट की।
दिसम्बर २४: प्रिटोरियाकी अदालतमें ट्रान्सवालके एशियाइयोंके परीक्षात्मक मुकदमेकी अपील खारिज कर दी गई।
दिसम्बर २६: गांधीजी डर्बन पहुँचे; भव्य स्वागत किया गया; रोग-शय्यापर पड़ी कस्तूरबासे मिलनेके लिए फीनिक्स रवाना हुए।
दिसम्बर २८ : मगनलाल गांधीको पत्र लिखा, जिसमें आध्यात्मिक विकासपर जोर देते हुए कहा कि यह देश और धर्मकी उन्नतिमें सहायक है।
दिसम्बर ३०: हरिलाल गांधी और राँदेरी निषिद्ध प्रवासी होने के अपराधमें जोहानिसबर्ग में गिरफ्तार करके जनवरी ५ तक के लिए हिरासतमें रखे गये।
'प्रिटोरिया न्यूज' ने गांधीजी और उनके देशभाइयोंके अध्यवसाय और उत्तम स्वभाव तथा उद्देश्यकी प्रशंसा करते हुए सरकारसे आग्रह किया कि भारतीयोंकी माँगें मंजूर की जायें।
ट्रान्सवालमें प्रवेश करनेके अपराधमें ८ मद्रासियोंको निर्वासित किया गया। थम्बी नायडू और अन्य व्यक्तियोंको ५० पौंड जुर्माने अथवा ३ महीनेकी सख्त कैदकी सजा दी गई। बचाव पक्षके वकील पोलकने अपील दायर की।
नेटाल सरकारने १४ सालसे अधिक उम्रके भारतीय बालकोंकी उच्च शिक्षापर प्रतिबन्ध लगानेवाली अपनी विज्ञप्ति फिरसे जारी की। कॉमन्स सभामें इसपर प्रश्न किया गया।
दिसम्बर ३१ के पूर्व: पाँच और व्यक्ति गिरफ्तार किये गये और १९०८ के कानून ३६ के अन्तर्गत उनपर कार्रवाई की गई। आमद मियाँ और उनके भाईपर बिना परवानोंके व्यापार करनेके अपराधमें रस्टेनबर्गमें २५ पौंड जुर्माना किया गया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसने दक्षिण आफ्रिकासे सम्बन्धित प्रस्ताव पास किया और उसमें ब्रिटिश भारतीयोंके प्रति किये गये अपमानजनक और क्रूर व्यवहारको साम्राज्य के लिए हानिकर बताया।