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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
जनवरी १० : डॉ॰ नानजीने डर्बनमें कस्तूरबाका ऑपरेशन किया। गांधीजी, जो उन्हें देखने वहाँ गये थे, जोहानिसबर्ग रवाना हुए।
जनवरी १२: उन तीन भारतीयोंको, जिनपर १९०८ के अधिनियम ३६ के खण्ड ७ का उल्लंघन करनेका आरोप लगाया गया था, आठ दिनके अन्दर पंजीयन करानेकी आज्ञा दी गई।
जनवरी १६: गांधीजी पंजीयन प्रमाणपत्र पेश न करनेके अपराधमें जोहानिसबर्ग जाते हुए फोक्सरस्टमें गिरफ्तार। निर्वासन दण्ड देकर उन्हें सीमाके बाहर छोड़ दिया गया। लेकिन, वे फिर लौटे, और फिर गिरफ्तार। अपनी जमानत आप देकर छूटे और जोहानिसबर्ग गये।
सर्वोच्च न्यायालयने पंजीकृत नागरिकोंके निर्वासनको गैरकानूनी करार दिया।
जनवरी २०: गांधीजीने समाचारपत्रोंको लिखा कि भारतीयोंका संघर्ष तीसरी और अन्तिम अवस्थामें पहुँच गया है।
जोहानिसबर्ग नगर-परिषदने सरकारसे आग्रह किया कि एशियाई प्रश्नपर सख्ती बरती जाये और पंजीयन कानून (रजिस्ट्रेशन ऐक्ट) लागू किया जाये।
जनवरी २१: गांधीजीने 'नेटाल मर्क्युरी' को भेंट दी, जिसके दौरान कहा कि यह बताना मुश्किल है कि भारतीय व्यापारी अपनी सारी सम्पत्ति साहूकारोंके सुपुर्द करनेमें छिपी जोखिम उठानेको तैयार हो जायेंगे।
'इंडियन ओपिनियन' के जोहानिसबर्ग स्थित संवाददाताने खबर दी कि ३० व्यापारी काछलियाके पदचिह्नोंपर चलनेके लिए तैयार हैं।
'रैंड डेली मेल' ने काछलियाके साहूकारोंकी सभापर टिप्पणी लिखते हुए कहा कि तथाकथित सत्याग्रह संघर्षने जोर-जबरदस्तीका रूप धारण कर लिया है। सरकारसे धरना देनेपर पाबन्दी लगानेका अनुरोध किया।
'नेटाल मर्क्युरी' में एक तार प्रकाशित किया गया, जिसमें जोहानिसबर्ग व्यापार संघ (चैम्बर ऑफ कॉमर्स) ने भारतीयोंपर सरकारको लाचार करनेके प्रयत्नका आरोप लगाते हुए उनकी इस कार्रवाईके प्रति क्षोभ व्यक्त किया था। उग्रवादियोंने व्यापारियोंकी सम्पत्ति जब्त करने और पेढ़ियोंपर धरना देनेकी कार्रवाईको बन्द करनेके लिए उठाये गये कदमका समर्थन किया।
जनवरी २२: गांधीजीने काछलियाके यूरोपीय साहूकारोंकी सभामें हिसाब पेश किया। 'रैंड डेली मेल' के इस कथनकी आलोचना की कि सत्याग्रहमें जोर-जबरदस्ती की जा रही है।
सर्वोच्च न्यायालयने एशियाई पंजीयन संशोधन अधिनियम (एशियाटिक रजिस्ट्रेशन अमेंडमेंट ऐक्ट) के अन्तर्गत दी गई सजाके विरोधमें नायडूकी अपील खारिज की। जोहानिसबर्ग व्यापार-संघ (चैम्बर ऑफ कॉमर्स) के वस्त्रादि विभागने सरकार द्वारा एशियाई पंजीयन कानून लागू किये जानेके समर्थनमें प्रस्ताव पास किया।
बुलावायो नगर-परिषदने भारतीयोंको नये व्यापारिक परवाने देनेसे इनकार कर दिया।
जनवरी २३: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नायडूकी अपील खारिज करनेका 'स्टार' ने स्वागत किया और कहा कि कुछ पागल व्यापारियोंको छोड़कर कोई भी श्री गांधी और