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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
जुलाई ३: लन्दनमें भारतीय छात्रोंकी सभाने सुरेन्द्रनाथ बनर्जीके सभापतित्वमें वाइलीकी हत्याकी भर्त्सना की।
'इंडियन ओपिनियन' में छपा कि कानूनमें रंगभेद और जातीयताके कलंकको दूर कराने तथा एशियाई अधिनियमको रद करानेके लिए ट्रान्सवालके भारतीयोंकी ओरसे साम्राज्ञी, दादाभाई नौरोजी और बंगाल व्यापार संघ (चैम्बर ऑफ कॉमर्स) को जो प्रार्थनापत्र भेजे जानेवाले हैं, उनपर लोगोंके हस्ताक्षर कराये जा रहे हैं।
जुलाई ४ : प्रिटोरियाकी भारतीय बस्तीमें भारतीय महिलाओंकी एक सभामें प्रिटोरियाके ७० भारतीयोंकी गिरफ्तारीपर क्षोभ व्यक्त किया गया।
जुलाई ६: नागप्पनकी मृत्यु।
जुलाई ७: भारतीय समाजकी ओरसे नागप्पनका सम्मानपूर्वक दाह संस्कार।
जुलाई ८: सरकारने एक वक्तव्यमें कहा कि नागप्पनकी मृत्युके लिए जेल-अधिकारी दोषी नहीं हैं।
जुलाई ९ के पूर्व: जहाजपर नेटालके मन्त्रिमण्डलके सदस्यों और रंगदार लोगोंके शिष्टमण्डलके सदस्योंसे भेंट।
जुलाई ९: बंगाल प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके आगामी अधिवेशनके सभापति-पदके लिए गांधीजीका नाम भी प्रस्तावित किया।
जुलाई १०: गांधीजी और हाजी हवीब साउदैम्पटन पहुँचे। रायटरके प्रतिनिधिको भेंट दी।
प्रात: साढ़े १० बजे लन्दन पहुँचे।
साउथ आफ्रिका असोशिएटेड प्रेस एजेंसीके प्रतिनिधिको भेंट दी। रिच और अब्दुल कादिरसे मिले। सर मंचरजी भावनगरीसे मिलने गये। लॉर्ड ऍम्टहिलको पत्र लिखकर मुलाकातका समय माँगा।
६ भारतीय ट्रान्सवालसे निर्वासित।
ब्रि॰ भा॰ संघने जेल-निदेशकको पत्र लिखकर भारतीय बन्दियोंको भोजनमें फिरसे घी दिये जानेकी माँग की।
नेटालके भारतीयोंने उपनिवेश मन्त्रीको गिरमिट मताधिकार तथा व्यापार सम्बन्धी शिकायतोंके बारेमें प्रार्थनापत्र भेजा और संघीकरण कानूनके मसविदेमें संशोधनकी माँग की।
जुलाई ११: हवीबिया मुस्लिम अंजुमन द्वारा आयोजित आम सभामें ट्रान्सवाल और नेटालके शिष्टमण्डलोंके साथ सहानुभूति प्रकट की गई। केप टाउनकी ब्रिटिश भारतीय लीगने प्रस्ताव पास किया जिसमें साम्राज्यीय सरकारसे ट्रान्सवालके शिष्टमण्डलकी बातोंको सहानुभूतिके साथ सुननेका आग्रह किया।
जोहानिसबर्गमें हमीदिया मस्जिदके मैदान में भारतीयोंकी आम सभा; जिसमें साम्राज्यीय सरकारसे ट्रान्सवालके शिष्टमण्डलके निवेदनपर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और नागप्पनकी मृत्युके कारणोंकी जाँच करवानेकी माँगके प्रस्ताव पास।
जुलाई १२: ब्रि॰ भा॰ संघने गांधीजीको तारसे नागप्पनकी मृत्यु और अस्वस्थताके कारण दाउद मुहम्मदके रिहा किये जानेकी खबर दी।
विलियम हॉस्केन तथा १५ अन्य प्रमुख यूरोपीयोंने ट्रान्सवालके महान्यायवादी अटर्नी