पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 9.pdf/६७४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
६३६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
पोलकके नाम पत्रमें आधुनिक सभ्यतापर अपने वे विचार व्यक्त किये, जिन्हें आगे चलकर 'हिन्द स्वराज्य' में विस्तारसे लिखा।
अक्तूबर १५: उपनिवेश कार्यालयने गांधीजीको सूचित किया कि जिन प्रस्तावोंको ट्रान्सवालके कानूनका सम्भाव्य आधार कहा गया था वे स्मट्स द्वारा प्रस्तुत सुझाव थे, न कि गांधीजी द्वारा प्रस्तुत।
अक्तूबर १७: भारतीय एकता समिति [इंडियन यूनियन सोसाइटी] की बैठकमें भाषण देते हुए अली इमामने हिन्दू-मुस्लिम ऐक्यपर जोर दिया।
थम्बी नायडू और अन्य व्यक्ति जोहानिसबर्गमें गिरफ्तार; ३-३ महीनेकी सजा।
अक्तूबर १९: गांधीजीने उपनिवेश कार्यालयको स्थितिकी सही-सही जानकारी देनेको लिखा। और भी भारतीय गिरफ्तार; ३-३ महीनेकी सजा। सोराबजी शापुरजी तथा एस॰ बी॰ मेढ़ निर्वासित।
अक्तूबर २०: ब्रि॰ भा॰ संघके कार्यवाहक अध्यक्ष ई॰ आई॰ अस्वातको तीन महीनेकी सजा। सोराबजी शापुरजी और एस॰ बी॰ मेढ ट्रान्सवाल लौटते हुए फोक्सरस्टकी सीमापर गिरफ्तार।
अक्तूबर २४: गांधीजीने लन्दनमें विजयादशमी समारोहकी अध्यक्षता की और उक्त अवसरपर भाषण दिया।
अक्तूबर २५: नेटाल विधान सभामें भारतीय प्रवासी कानून संशोधन विधेयकका तीसरा वाचन। सोराबजी शापुरजी और एस॰ बी॰ मेढको निषिद्ध प्रवासी होनेके अपराधमें ६-६ महीनेकी सजा।
अक्तूबर २६: पोलक द्वारा पूरे मद्रास अहातेमें सफल सभाओंकी सूचना।
अक्तूबर २९: गांधीजीने लॉर्ड ऍम्टहिलको दक्षिण आफ्रिका लौटनेके निर्णयकी सूचना दी और ट्रान्सवालकी सीमापर गिरफ्तार होनेका इरादा भी बताया।
ऐल्मर मॉडसे सत्याग्रहके बारेमें विचार-विमर्श करनेके लिए मुलाकातका समय माँगा, और टॉल्स्टॉय द्वारा लिखे "एक हिन्दूके नाम पत्र" के प्रकाशनके सम्बन्धमें सलाह देनेको कहा।
गांधीजीको पोलकका तार मिला कि भारतकी यात्रा करें।
वापस लौट आनेके लिए दक्षिण आफ्रिकासे तार।
अक्तूबर २९ के बाद: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसको सन्देश भेजा।
अक्तूबर ३०: भारतीय एकता समिति [इंडियन यूनियन सोसाइटी] की सभामें भाषण दिया। लॉर्ड ऍम्टहिलके नाम पत्रमें भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन और आधुनिक सभ्यतापर अपने विचार व्यक्त किये।
नवम्बर १: हरिलाल गांधी फोक्सरस्टमें गिरफ्तार; फिर ६ महीनेकी कैदकी सजा दी गई।
नवम्बर २: गांधीजीने लन्दनकी एक सभामें भाषण किया; कई भारतीयों और कुछ अंग्रेजोंने स्वयंसेवकोंकी सूचीमें अपने नाम लिखवाये।
नवम्बर ३: उपनिवेश कार्यालयने गांधीजीको सूचित किया कि लॉर्ड क्रू प्रवासके मामले में सैद्धान्तिक समानताको मान्यता दिलानेका कोई आश्वासन नहीं दे सकते।
नवम्बर ५ : गांधीजीने "ट्रान्सवालके भारतीयोंके मामलेका विवरण" और अखबारोंके लिए तैयार किया गया उसका सार-संक्षेपमें प्रकाशनार्थ भेज दिया।