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वली मु० बगस तथा अन्य लोगोंका मुकदमा

९. अतः आपके प्रार्थी विनम्रतापूर्वक प्रार्थना करते हैं कि दिये गये वचनके अनुसार एशियाई कानून रद कर दिया जाये, और पंजीयन कराने में या अन्य किसी मामले में उन्हें अपमानित न किया जाये । किन्तु यदि महामहिम सम्राट्की सरकार उन्हें ऐसी राहत दिलाने में असमर्थ हो, तो वे अपनी यह प्रार्थना दुहराते हैं कि उन्हें दक्षिण आफ्रिकाके किसी ऐसे समर-स्थलमें जनरल बोथा और जनरल स्मट्स द्वारा गोली से उड़ा दिया जाये जहाँ उन्होंने सम्राट् और ब्रिटिश साम्राज्यकी सेवा करते हुए गोलियोंकी बौछार झेली है । और आपके प्रार्थी सदैव मंगल कामना करेंगे, आदि, आदि ।

जमादार नवाब खाँ

नकब गुल

मुहम्मद शाह

मीर आलम खाँ

अली

[अंग्रेजी से ]
इंडियन ओपिनियन, १९-९-१९०८

१८. वली मु० बगस तथा अन्य लोगोंका मुकदमा

[ प्रिटोरिया

सितम्बर १५, १९०८]

इसी १५ तारीखको सर्वश्री वली मुहम्मद बगस, इस्माइल जुमा, एल० वल्लभदास और इस्माइल ईसपजी आडिया प्रिटोरियामें मेजर डिक्सनकी अदालतमें पेश हुए । उनपर सामान्य पंसारी परवानेके' बिना व्यापार करने और इस तरह नगरके उपनियमों का उल्लंघन करनेका अभियोग था । प्रिटोरिया नगरपालिकाकी ओरसे श्री वीविंडन और सफाई पक्षकी ओरसे श्री गांधी तथा लिखटेन्स्टाइनने पैरवी की ।

सबसे पहले श्री इस्माइल जुनाके मामले की सुनवाई हुई । श्री गांधीने बहस शुरू करने से पहले सम्मन्सपर आपत्ति की, क्योंकि उसमें १९०३ के अध्यादेश ५८ के अंतर्गत कोई जुर्म नहीं बताया गया था, और अध्यादेशमें सामान्य पंसारी-परवान के सम्बन्ध में कोई उपनियम बनाने की व्यवस्था नहीं थी । न्यायाधीशने उनकी आपत्तिको अस्वीकार कर दिया । अभियुक्तने अपनेको निर्दोष बताया । परवाना अधिकारी (लाइसेंसिंग ऑफिसर) श्री टॉमसने औपचारिक गवाहीमें बताया कि अभियुक्त पंसारीका व्यापार किया करता है । श्री गांधीने सफाई पक्षकी ओरसे कोई गवाह नहीं पेश किया । उन्होंने कहा कि मैंने जो कानूनी आपत्ति उठाई है, उसीपर मेरा सारा मामला आधारित है । अभियुक्तको अपराधी करार दिया गया और ५ शिलिंग जुर्माने या तीन दिन सख्त कैदकी सजा दी गई। श्री इस्माइल जुमाने जेल जाना पसन्द किया ।

१. जनरल ग्रोसर्स लाइसेन्स ।