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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
कुछ पुरानी खबरें

अधिक कामके कारण कुछ खबरें देनेको रह गई हैं । अपने कागज उलटते हुए जो सामने आ रही हैं, उन्हें यहाँ दे रहा हूँ ।

श्री इस्माइल मूसा जीन तथा श्री ईसप आमद कानमवालाको हाइडेलबर्ग में जुर्माना हुआ और अगर वे जुर्माना न दें, तो उनका माल बेचनेकी बात थी । श्री जीनने जुर्माना दे दिया है । श्री ईसप आमदने नहीं दिया । उन्होंने सरकारसे कह दिया है कि यदि माल बेचना हो, तो बेच दिया जाये । अभीतक उनका माल बेचा नहीं गया है ।

वेरीनिगिंग में जिस तरह श्री पटेलका माल बेचा गया, उसी तरह श्री इब्राहीम इस्माइलका माल भी बेचा गया है । उनके मालका भी अधिकांश भाग बेच दिया गया । ऐसा अन्धेर है । एक जगह कोई परवाह नहीं करता' और दूसरी जगह माल बेच दिया जाता है । अन्धेर नगरी चौपट राजा जैसी बात है ।

क्रूगर्सडॉर्पके भारतीय

क्रूगर्सडाॅर्प का मुकदमा समाप्त हो गया है । मुकदमा शुक्रवारको हुआ था । श्री काजी तथा श्री पांडोरका मुकदमा समाप्त होनेके बाद सरकारी वकीलकी हिम्मत दूसरे मुकदमे चलानेकी नहीं हुई, इसलिए उसने उन्हें वापस ले लिया । श्री काजी तथा श्री पांडोरके मुकदमे दो घंटे चले । उन दोनोंके बयान सुन चुकनेके बाद न्यायाधीशने कहा कि मुकदमेमें दम नहीं है और श्री काजी तथा श्री पांडोर निरपराध हैं । श्री काजीने अपनी गवाही अंग्रेजीमें दी। मुकदमा समाप्त होनेके बाद श्री छोटाभाईके यहाँ सभा की गई । उसमें श्री गांधीने संघर्ष के विषय में समझाया। उन्होंने कहा, अब सब भारतीय एकमत हो गये हैं। श्री दादलानीने श्री गांधीको दावत दी। उस समय लगभग २५ भारतीय पंगत में सम्मिलित हुए ।

कोंकण और कानम

गुरुवारको जिस समय सार्वजनिक सभा समाप्त हो रही थी तभी समाचार मिला कि बाहर कुछ टंटा हो रहा है । उसपर श्री पोलक वहाँ दौड़े गये । श्री अब्दुल गनी भी गये । देखते क्या हैं कि लाठियोंको मार तथा पत्थरोंकी वर्षा हो रही है । उन्होंने तथा अन्य भाइयोंने बीच-बचाव किया, इसलिए लोगोंको ज्यादा चोट नहीं आई । अनजाने श्री पोलक ज्यादा पिट जाते, किन्तु श्री सोराबजी, तथा श्री नोगामा इन दो पारसी भाइयोंने चोटोंको अपने ऊपर झेल लिया । श्री सोराबजी की आँख बच गई, किन्तु कपालपर सख्त चोट आई है । दो कोंकणी भाइयोंको भी खासी चोट लगी है । दो कानमियोंको भी थोड़ी चोट लगी है । श्री पोलकके पहुँचेपर मामूली चोट आई है । झगड़ा केवल नौजवानोंके बीच मामूली-सी बात-पर हुआ था, उसका रूप इतना बड़ा हो गया ।

समझौता

फिरसे दोनों समाजोंके नेताओंके बीच समझौता हो जाये, इस उद्देश्यसे रविवारको श्री हाजी हबीबके घर नेताओंको बैठक की गई । श्री गांधीने बैठककी अध्यक्षता की थी ।

१. अदालतके हुक्मकी तामील करानेकी ।

२. देखिए " जोहानिसबर्गकी चिट्ठी", पृष्ठ १६ ।

३. इस भाषणकी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है ।