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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

हैं, बेईमानीका पक्ष ले रहे हैं । क्या मैं ऐसा ही एक अन्य उदाहरण दे सकता हूँ ? जनरल बोथाने वेरोनिगिंग (फ्रेनिखन) की सन्धिके सम्बन्ध में "वतनी" शब्द की व्याख्या यह की थी कि उसके अन्तर्गत एशियाई भी आते हैं । लॉर्ड मिलनर और सर रिचर्ड सॉलोमनने इसको गलत बताया, किन्तु जनरल बोथाने जो व्याख्या की थी उसको उन्होंने मान लिया; और उस व्याख्या के कारण ही आज एशियाई लोग नगरपालिका-मताधिकार से वंचित हैं । फिर, जनरल बोने कहा कि लॉर्ड किचनरने उनके लोगोंको तत्काल स्वशासन प्रदान करनेका वचन दिया है । इस सम्बन्ध में भी अंग्रेजोंकी प्रतिष्ठाको बेदाग रखनेके लिए साम्राज्य-सरकारने उस वचनको उसो अर्थ में स्वीकार कर लिया जिसमें जनरल बोधाने उसे समझा था । क्या एशियाई कानूनको रद करने के सम्बन्ध में और ब्रिटिश भारतीयोंके सम्बन्ध में अंग्रेजोंकी प्रतिष्ठा या उपनिवेशको प्रतिष्ठा अलग-अलग तरीकोंसे नापी जायेगी ?

आपका,

आदि, मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
स्टार, १७-९-१९०८

२३. भेंट : 'स्टार' को

[ जोहानिसबर्ग

सितम्बर १७, १९०८]

श्री गांधीने 'स्टार' के प्रतिनिधिको भेंटके दौरान कहा कि [अधिकारियोंने ] मेरे पुत्रको निर्वासित करके मेरे साथ कठोर बरताव किया है । मैं कल उससे मिलने के लिए व्यग्र था और मैंने उसके बारेमें सम्बन्धित अधिकारीको अर्जी देकर पूछताछ की थी । अधिकारीने उस समय बताया कि अबतक उसे इस विषयमें कोई जानकारी नहीं मिली है और सत्ताधारी उसके सम्बन्धमें क्या कार्रवाई करना चाहते हैं, यह समाचार वह अगले दिन प्रातः देगा । आज प्रातः जब मैं जेल गया तब मुझे समाचार मिला कि हरिलालको ७ बजे ले गये ।

श्री गांधीने कहा कि यदि सरकारको मुझसे यह वचन लेना था कि किसी प्रकारका प्रदर्शन न किया जायेगा तो मैं उसको ऐसा वचन पहले दे चुका हूँ । मैं अब भी उसे वैसा वचन देनेके लिए तैयार था । हरिलाल जेपी स्टेशनपर गाड़ीमें था; किन्तु गाड़ीकी खिड़कियाँ बन्द थीं, और वे जस्टिन में भी बन्द ही रखी गईं । लोगोंने खिड़कियोंकी दरारोंसे बातें कीं और ऐसा जान पड़ता था कि तमाशबीनोंको ये बातें बड़ी मजेदार लग रही हैं । श्री गांधीने तार द्वारा अपने पुत्रको सूचित किया है कि वे उपनिवेशमें फिर शीघ्र ही प्रवेश करें । यह तार उनको सीमापर मिल जायेगा ।

[ गुजराती से ]
इंडियन ओपिनियन, १९-९-१९०८

१. देखिए खण्ड ३, पृष्ठ ३५६-५७ ।

२. हरिलाल गांधी १७ सितम्बर, १९०८ को निर्वासित किये गये थे ।

३. हरिलाल १९ सितम्बर, १९०८ को उपनिवेशमें पुनः प्रविष्ट हुए और उनको २१ सितम्बर तक के लिए फिर जेल भेज दिया गया । २१ सितम्बरको उनपर से मुकदमा उठा लिया गया ।