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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
चीनियोंकी ओरसे मदद

श्री क्विनने चीनी संघकी ओरसे लन्दनकी [द० आ० क्रि० भा० ] समितिको' भेजने के लिए ५० पौंड दिये हैं। पाठकोंको याद होगा कि पहले भी चीनी-संघकी ओरसे इतनी ही रकम श्री रिचको भेंट की गई थी । श्री अस्वातकी ओरसे जो मामला सर्वोच्च न्यायालय में चलाया गया था, उसके खर्च में भी चीनी-संघने सहायता दी थी ।

कांग्रेसकी ओरसे मदद

[ भारतीय राष्ट्रीय] कांग्रेसका तार आया है कि उसने लन्दनकी [द० आ० ब्रि० भा०] समितिको तारसे १०० पौंड भेजे हैं। यह पहले ही हो जाना था । अब भी ठीक समयपर ही हुआ है ।

बुधवार [ सितम्बर २३, १९०८]

फोक्सरस्टके कैदी

हरिलाल गांधी फोक्सरस्ट जेलसे छूटकर आ गये । वे [ जेलमें ] नेटालवासियोंके साथ तीन रात रहे । वे खबर लाये हैं कि कैदियोंका स्वास्थ्य अच्छा है । उन्हें जो भी काम सौंपा जाता है, उसे वे बड़ी खुशीसे करते हैं । अब वे [ सड़कपर पत्थर तोड़नेके लिए] बाहर नहीं भेजे जाते; बल्कि उन्हें जेलके भीतर ही बगीचा आदि साफ करनेका काम दिया जाता है । वे "विक्रम जैसो पर-दुःखभंजन रुस्तम एक भयो है", यह गीत गाते हुए मस्त रहते हैं ।

नये कानूनके अन्तर्गत विनियम

नये कानूनके अन्तर्गत विनियम (रेगुलेशन्स) प्रकाशित किये जा चुके हैं । इनका विवेचन अगले हफ्ते किया जायेगा। फिलहाल तो इतना ही कहता हूँ कि पहले विनियमोंके मुकाबले ये विनियम बहुत अच्छे हैं । फिर भी उनमें कुछ खामियाँ हैं । इनका निराकरण जब समझौता होगा, तभी किया जा सकेगा । किन्तु मैं आशा करता हूँ कि प्रत्येक भारतीय धीरज रखेगा । किसीको भी उतावली में अर्जी देनेकी जरूरत नहीं है ।

तमिलोंका काम

मद्रासियों का काम अत्यन्त अच्छा है । इतना ही नहीं कि वे जेल जाते रहते हैं, बल्कि वे पैसे इकट्ठे करने में भी नहीं चूकते । उन्होंने संघको ८२ पौंड १ शिलिंगका चेक दिया है । इस प्रकार हम देखते हैं कि जो जेल जाते हैं, वे उदारता से पैसे भी देते हैं । जो एक दिशामें शक्ति लगाते हैं, वे सभी दिशाओं में शक्ति लगा सकते हैं ।

ईसप इस्माइल बेलिम

श्री बेलिम क्रिश्चियानासे लिखते हैं कि जेलमें पहले हफ्ते उन्हें भोजन बनानेका काम दिया गया, दूसरे हफ्ते फुटकर काम दिया गया और अन्तिम हफ्ते में बाहर सड़कपर काम में

१. दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समिति ( साउथ आफ्रिका ब्रिटिश इंडियन कमिटी ) ।

२. स्वेच्छया पंजीयन (वॉलंटरी रजिस्ट्रेशन) के कागजात लौटानेके सम्बन्धमें ।

३. मूल गुजराती इस प्रकार है :

"विक्रम जेवो पर दुःखभंजन रुस्तम एक थनारो"।

यहाँ " रुस्तम" शब्द स्पष्टत: पारसी रुस्तमजीके लिए प्रयुक्त हुआ हैं ।

४. वे सितम्बर १९ को छोड़ दिये गये थे । देखिए पृष्ठ ६५ |