विकिस्रोत:आज का पाठ/२४ अप्रैल
नवलदास कायस्थ रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास का एक अंश है जिसके दूसरे संस्करण का प्रकाशन काशी के नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा १९४१ ई॰ में किया गया।
"(४०) नवलदास कायस्थ-ये झाँसी के रहने वाले थे और समथर-नरेश राजा हिंदूपति की सेवा में रहते थे। इन्होंनें बहुत से ग्रंथों की रचना की है जो भिन्न भिन्न विषयों पर और भिन्न भिन्न शैली के है । ये अच्छे चित्रकार भी थे । इनका झुकाव भक्ति और ज्ञान की ओर विशेष था। इनके लिखे ग्रंथों के नाम ये हैं- रासपंचाध्यायी, रामचंद्रविलास, शंकामोचन ( सं० १८७३ ), जौहरिनतरंग (१८७५), रसिकरंजनी ( १८७७ ), विज्ञान भास्कर ( १८७८), ब्रजदीपिका ( १८८३), शुकरंभासंवाद ( १८८८ ), नाम-चिंतामणि (१६०३), ' मूलभारत (१६१२), भारत-सावित्री ( १९१२), भारत कवितावली ( १६१३ ), भाषासप्तशती ( १११७ ), कविजीवन ( १९१८ ),आल्हा रामायण (१६२२), रुक्मिणीमंगल ( १६२५ ), मुलढोंला ( १९२५ ), रहस लावनी ( १९२६ }, अव्यात्मरामायण, रूपक रामायण, नारीप्रकरण, सीतास्वयंवर, रामविवाहखड, भारत वार्तिक, रामायण सुमिरनी, पूर्वश्रृंगारखड, मिथिलाखंड, दानलोभसंवाद, जन्म खंड ।..."(पूरा पढ़ें)