विकिस्रोत:आज का पाठ/५ जून
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क्रिया प्रेमचंद के कहानी-संग्रह मानसरोवर २ का एक अध्याय है जिसका प्रकाशन १९४६ ई॰ में सरस्वती प्रेस "बनारस" द्वारा किया गया था।
"जिस विकारी शब्द के प्रयोग से हम किसी वस्तु के विषय में कुछ विधान करते हैं उसे क्रिया कहते हैं, जैसे, "हरिण भागा" "राजा नगर में आये" "मैं जाऊँगा," "घास हरी होती है"। पहले वाक्य में हरिण के विषय मे "भागा" शब्द के द्वारा विधान किया गया है, इसलिए "भागा" शब्द क्रिया है। इसी प्रकार दूसरे वाक्य मे "आये", तीसरे वाक्य में "जाऊँगा" और चौथे वाक्य में "होती है" शब्द से विधान किया गया है, इसलिए "आये" "जाऊँगा" और "होती है" शब्द क्रिया हैं।..."(पूरा पढ़ें)