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कहीं आपका मतलब सूबा याकी तो नहीं था?
  • सुनिए मैं सब समझाकर कहता हूँ। सत्राजीत एक यादव था तिसने बहुत दिन तक सूरज की अति कठिन तपस्या की, तब सूरज देवता ने प्रसन्न हो उसे निकट बुलाय मनि देकर...
    ४४७ B (२,३८८ शब्द) - १६:०८, ४ दिसम्बर २०२१
  • क्षत्री सूर बीर है वे खेत में पीठ नहीं देते। महाराज, इतनी बात के सुनतेही यादव फिर सनमुख हुए और लगे दोनों ओर से शस्त्र चलने। उस काल रुक्मिनी बाल अति भय...
    ४५९ B (२,४४१ शब्द) - १६:०५, ४ दिसम्बर २०२१
  • चार महीने हुए तव नारदजी द्वारका पुरी मे गये तो वहाँ क्या देखते हैं कि सब यादव महा उदास मनमलीन तनछीन हो रहे है औ श्रीकृष्णजी औ बलरामजी उनके बीच में बैठे...
    ३९१ B (२,७१२ शब्द) - १७:१६, ४ दिसम्बर २०२१
  • किलकारी मारके पुकारा कि मैंने श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न को मारा। महाराज, यादव तो राक्षसो से महायुद्ध कर रहे थे, उसी समै प्रद्युम्नजी को मूर्छित देख दारुक...
    ३९५ B (१,४९७ शब्द) - ०८:३९, ५ दिसम्बर २०२१
  • मन मार रह गया । आगे श्रीकृष्णचंद द्वारका पधारे, तव हरषित भये देख हरि को यादव सारे। प्रभु ने सतिभामा के मदिर मैं कल्पवृक्ष ले जाय के रक्खा औ राजा उग्रसेन...
    ४८५ B (२,५७० शब्द) - १६:५५, ४ दिसम्बर २०२१
  • प्रस्थान करने की आज्ञा दी जावे । उग्र०--उद्धवजी, आप और बलराम अपनी संरक्षता में यादव सेना को ले जाइये, और दुष्ट वाणासुर का मद चूर्ण करके अनिरुद्ध को कुशल और विभय...
    ३०३ B (९,१४५ शब्द) - १९:२०, १९ जनवरी २०२४
  • अनब्राके ताम्रपत्रमें कही गई बातहीकी पुष्टि होती है। सम्भयत इस चढाईमें देवरको यादव राजा सिंघण मी सुभबमके साथ था । शायद उसे समय भदव, पण सात हैसियत, रहा होगा।...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • बतायी गयी है। दौरान विवेचना, सी0बी0आई0 द्वारा कां० रमन यादव का बयान अंकित किया गया है। रमन यादव ने विवेचक को अपने बयान में बताया है कि मैं, पीडिता के पास...
    २५८ B (७२,७९७ शब्द) - ०१:४२, १६ जून २०२३