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  • रामचन्द्र रघुनाथ ५ छोंड़ि सुमिरनी अब रघुबर कै बेला गौन कहौं सब गाय ।। ब्रह्मा ठाकुर दिल्ली जैहैं पैहैं विजय पिथौराराय ६ अथ कथामसंग ॥ एक समैया इक औसर मा बैठे...
    ३३४ B (२,७९२ शब्द) - १४:००, १५ सितम्बर २०२४
  • स्वपना देखा ताही निशिमाँ औ जगि परा बनाफरराय २१ हाल बतावा सब देवा का ठाकुर उदयसिंह समुझाय॥ इतना सुनिकै देबा बोला साँची सुनो बनाफरराय २२ ​ जैसो स्वपना तुम...
    २९१ B (७,६८९ शब्द) - १३:५३, १५ सितम्बर २०२४
  • क्यार ।। नदी बेतवाके डाँडे़पर लाखनि करी खूब तलवार ५ अथ कथाप्रसंग ॥ आल्हा ठाकुर के तम्बू मा भारी लाग राज दरबार । त्यही समैया त्यहि औसर मा वोले उदयसिंह सरदार ...
    २९७ B (४,३२८ शब्द) - १३:५६, १५ सितम्बर २०२४
  • आल्हा ठाकुर गरूई हाँक दीन ललकार॥ टरिजा टरिजा उरई वाले तारे चुगुलिन का बयपार ८१ साँची साँची आल्हा ठाकुर तुम्हरो इन्दल गयो हिराय॥ कहाँ असाँचा आल्हा ठाकुर साँचा...
    २७९ B (७,०२२ शब्द) - ११:०८, १५ सितम्बर २०२४
  • उतरिकै श्रीयमुना के उरई निकट पहुंचे आय ४५ मलखे ठाकुर त्यहि समया में मारन आयो तहां शिकार॥ ताहर चौंड़ा मलखे ठाकुर मारग भेंटिगये सरदार ४६ कुशल प्रश्न ताहर सों...
    २८१ B (७,५०७ शब्द) - ११:०३, १५ सितम्बर २०२४
  • उत्पत्ति का ठीक पता नहीं चलता परंतु संभव है कि 'ठाकुरी ( ठक्कुरी) शन्द से उसकी उत्पत्ति हो अर्थात् राजपूत ठाकुरों (ठक्करों) की लिपि; अथवा टांक (लयाणा) जाति...
    १३० B (१,३६,९२१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • CONTRADICTIONS OF DESERT AND FRUIT. ऊधो धनि तुम्हरो वेवहार ॥ टे ॥ धनि वै ठाकुर धनि वै सेवक, धनि तुम वर्तन - हार ॥ १ ॥ आम कटावत ववुर लगावत, चन्दन झोंकत...
    ९६ B (७५,१२० शब्द) - २०:४६, १५ मई २०२४