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  • ३०और ३१० के बीच हैं किसी समय हो । स्वामी रुद्सिंह तृतीय । [मन्स० ३१४१(१०स०३८८ =» ०४४५.?)] | यह भी राय एका पुन और इस वंशका अन्तिम अधिकारी या । इस चॉदी...
    ४८४ B (८,३२४ शब्द) - ००:०१, २६ अक्टूबर २०२०
  • पर ख़जाने में साढ़े ५ करोड़ रुपया नक़द निकला था। किसी किसी का मत है कि ईसा के ३१० वर्ष पहले ग्वालियर की नीव पड़ी थी। परन्तु विलफर्ड साहब और जनरल कनिङ्गहाम...
    ३१८ B (४,५७० शब्द) - १३:४१, ३ मई २०२१
  • कभी क्रमविकास नहीं हो सकता। तब फिर वह कहाँ से आता है? अवश्य ही इससे पूर्व के [ ३१० ]क्रमसंकोच से। बालक क्रमसकुंचित मनुष्य है और मनुष्य क्रमविकसित बालक...
    ३५५ B (५,११४ शब्द) - ०८:१८, २५ मार्च २०२३
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • कर लिया है कि या तो उसी के प्राण ले लूंगी या अपने ही प्राण दे दूंगी ! [ ३१० ]यह कहते-कहते उसे अपना वृत्तान्त सुनाने को वह उत्कट इच्छा हुई, जो दुखियों...
    २३५ B (७,५७८ शब्द) - २३:३५, २५ मई २०२१
  • रहते हैं । "मेरी पुरी के झरोखों पर नज़र डालने से न तो रात को उनसे दीपक [ ३१० ] २४९ सोलहवाँ सर्ग। का प्रकाश ही दिखाई देता है और न दिन को कमनीय कान्ताओं...
    ५०९ B (५,६३७ शब्द) - ०६:२१, १८ सितम्बर २०२१
  • शिक्षा-सम्पादन में बहुत विघ्न आता है। यदि उसका बहिष्कार कर दिया जाय और [ ३१० ]उसकी जगह रोमन लिपि को दे दी जाय हो सारी मुसीबतें हल हो जायें। इन उदारहृदयों...
    ५१० B (१५,८०५ शब्द) - ०५:३६, १५ सितम्बर २०२१
  • नकारा सिरोपाव और जड़ाऊ , खञ्जर, [ ३१० ] सूनायत किया । रुस्तमखां शाहजहांके मुख्य सेवी से था । बादशाह लिखता है कि इस राज्य में यह प्रथा नहीं थी कि शाह....
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
  • मन में समझकर और मारना है तो मैं भी सच कहता हूँ कि सीधी मृत्यु चाहता हूँ। [३१०] भूतभव! भवत पिसाच-भूत-प्रेत-प्रिय, ⁠आपनो समाज, सिव! आपु नीके जानिए। नाना...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१