भ्रमरगीत-सार/३३६-बारक कान्ह करौ किन फेरो
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राग सारंग
बारक कान्ह करौ किन फेरो?
दरसन दै मधुबन को सिधारो, सुख इतनो बहुतेरो॥
बनारस: साहित्य-सेवा-सदन, पृष्ठ २०७ से – २०८ तक
राग सारंग
बारक कान्ह करौ किन फेरो?
दरसन दै मधुबन को सिधारो, सुख इतनो बहुतेरो॥