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कहीं आपका मतलब अंतर्राष्ट्रीय प्रकाश तो नहीं था?
  • देते हुए कहा--"हमारी सेना तथा जनता के सुरक्षित रूप से बच आने पर कृतज्ञता-प्रकाशन करते हुए हमे यह तथ्य विस्मृत न कर देना चाहिए कि फ्रांस तथा बेलजियम मे जो...
    ५०४ B (३२१ शब्द) - १७:१६, २७ जुलाई २०२१
  • में व्यक्तिगत स्वाधीनता, जीवन-रक्षा की स्वाधीनता, विचार-स्वाधीनता, मत-प्रकाशन की स्वाधीनता, समाचार-पत्रो की स्वाधीनता, सभा-सम्मेलन करने की स्वाधीनता...
    ५१२ B (३५१ शब्द) - ०१:०४, २६ जुलाई २०२१
  • हैं। 'आज भी खरे हैं तालाब' और 'राजस्थान की रजत बूंदें' की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब चर्चा और प्रशंसा हुई। पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने...
    ६४२ B (४९७ शब्द) - १९:२४, १३ जून २०२१
  • के अन्य संपादकों के विरुद्ध की गयी दमनात्मक कार्रवाइयों के कारण पत्र का प्रकाशन बंद हो गया। 'नोये राइनिशे त्साइटुङ' का अंतिम अर्थात् ३०१ वां अंक १६ मई...
    ४६८ B (२,६३१ शब्द) - १२:१९, १६ सितम्बर २०२१
  • के प्रकाशन की तैयारी का काम बहुत ही परिश्रमपूर्ण था। आस्ट्रियाई सामाजिक-जनवादी एडलर ने ठीक ही कहा कि 'पूंजी' के द्वितीय और तृतीय खंडों के प्रकाशन द्वारा...
    ७२४ B (३,७०२ शब्द) - १२:२०, १६ सितम्बर २०२१
  • अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश  (1943)  द्वारा रामनारायण यादवेंदु 122574अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश1943रामनारायण यादवेंदु [ २३३ ] भ भारत––बरतानवी राष्ट्र-समूह...
    ३८१ B (४,४६७ शब्द) - १७:४२, २३ जुलाई २०२३
  • में व्यक्तिगत स्वाधीनता, जीवन-रक्षा की स्वाधीनता, विचार-स्वाधीनता, मत-प्रकाशन की स्वाधीनता, समाचार-पत्रो की स्वाधीनता, सभा-सम्मेलन करने की स्वाधीनता...
    ३२१ B (४,३११ शब्द) - ११:००, ५ अगस्त २०२०
  • गये-- 1. लाइफ एण्ड वर्क ऑफ पं० गुरुदत्त विद्यार्थी एम०ए० : इस ग्रन्थ का प्रकाशन 1891 में पं० गुरुदत्त के निधन के एक वर्ष पश्चात् हुआ। यह लालाजी की प्रथम...
    ३२६ B (३,२१९ शब्द) - १९:५३, १ नवम्बर २०२०
  • चतुरसेन   प्र भा त प्र का श न दिल्ली ☆ मथुरा [ प्रकाशक ] प्रकाशक प्रभात प्रकाशन २०५, चावड़ी बाज़ार, दिल्ली * लेखक आचार्य चतुरसेन प्रथम संस्करण १९६० * मुद्रक...
    ३७९ B (६,०८६ शब्द) - २१:१३, ३० नवम्बर २०२३
  • पुस्तकों को दृष्टिहीन व्यक्ति के लिए उपलब्ध करा सकता हूँ। क्योंकि ऐसा अंतरराष्ट्रीय अनबंध हैं, जो यह कहता है कि जब आप दुष्टिहीन व्यक्ति के । लिए पुस्तक...
    ४४२ B (४,५९७ शब्द) - १५:२४, २८ जुलाई २०२३
  • था, जो 43 लाख लोगों के राज्य का आधिकारिक प्रकाशन है। मैंने एक स्क्रिप्ट लिखा जिससे राजपत्र के 38.073 प्रकाशन, पीडीएफ फाइलों में आ गए। लेकिन, जब मैंने...
    ३५१ B (३०,२४० शब्द) - १५:२४, २८ जुलाई २०२३
  • की रक्षा में सक्रिय हैं, लोगों ने आपत्तियों की कि एक म्लेच्छ वेदों का प्रकाशन किस अधिकार से कर रहा है। स्वामी विवेकानन्द और रविन्द्र नाथ ठाकुर ने ही...
    २६९ B (२,६९१ शब्द) - १५:१६, २४ अप्रैल २०२१
  • नहीं; पर कॉपीराइट कोई बाइनरी चीज नहीं है। यदि आप दृष्टिबाधित हैं, तो एक अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत, किसी भी पुस्तक तक आप अपनी पहुंच बना सकते हैं। भारतीय कॉपीराइट...
    ४५४ B (५,७७२ शब्द) - १५:२४, २८ जुलाई २०२३