खोज परिणाम

  • सिक्के मिले है। इन पर इ० सं० २७० से २७३ तकफे और श० सं० २८६ में ३०० तक संवत् लिखे हुए हैं। परन्तु इस समयके च १३ वषा सिव’ अत्र तक नहीं मिले हैं । इम खिपिर...
    ४८४ B (८,३२४ शब्द) - ००:०१, २६ अक्टूबर २०२०
  • १२६ तालाब होने चाहिए। आज के बिलासपुर ज़िले के मल्हार क्षेत्र में, जो ईसा पूर्व बसाया गया था, पूरे १२६ तालाब थे। उसी क्षेत्र में रतनपुर (दसवीं से बारहवीं...
    ५२९ B (२,४११ शब्द) - १४:०७, ३० मई २०२१
  • तरफ * श्रमपनालदेव' (५) इद है के विधमरिमें गाड व में राके मापुर में है। [ २८६ ]________________ चौहान-धंदा । किसा होता है। जनरल कनिंगहामको अनुमान है कि...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • ईसा की उपासना होती है, भगवान् बुद्धदेव की पूजा होती है। वे लोग ब्रह्म की पूर्ण अभिव्यक्तियाँ हैं। वे ईश्वर की उन सब कल्पनाओं से जो आप और हम कर [ २८६ ]...
    ७०० B (४,८४४ शब्द) - ०२:३५, ११ अगस्त २०२१
  • भाषाभरण २६४ भानमती ४६७ भाषा भागवत ३२३ भारत कवितावली ३८७ भाषाभूषण २३६, २४४-२४५, २८६, भारतखंडामृत ४३७ भारतजननी ४६१ भाषा महिना ३७२, ३७६ भारतजीवन ४५७, ४५६. . ....
    ३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • आधार पर इलाहाबाद से ६० किलोमीटर दूर खुदाई कर इस तालाब को ढूंढ निकाला है। श्री लाल के अनुसार यह तालाब ईसा पूर्व सातवीं सदी में बना था—यानी आज से २७०० बरस...
    ४४९ B (७,०८९ शब्द) - १४:०९, ३० मई २०२१
  • तो वह मुझसे अवश्य घृणा करने लगेगी लेकिन मैं कितने दिनों तक दामन बचा-बचा[ २८६ ]कर चलूँगा? मैं अपने दिल को अपने वश में नहीं रख सकता। यदि बिहारी को ये बातें...
    ३५४ B (६,५२१ शब्द) - ०६:०७, २९ जनवरी २०२२
  • हिन्दी-साहित्य का भी सुप्रभात होगा ? कृपा करके एक बार कह तो दीजिए-"होगा"। [ २८६ ] ११- समाचारपत्रों की नीति । समाचारपत्र और सामयिक पुस्तकें भी साहित्य के...
    ५१० B (१५,८०५ शब्द) - ०५:३६, १५ सितम्बर २०२१
  • निकला । बादशाह ने घोड़ा और खिलअत देकर उसे महाबतखांके साथ बंगशमें भेजा । [ २८६ ]२८४ जहांगीरनामा। आदिलखांके वकौल। . सोमवारको श्रादिलखांके वकीलोंको जड़ाऊ...
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
  • खानेवाली अग्नि । तौकी = तपी हुई। कौकी = कब से अथवा (कोकी पाठ होने से) कोकिल । [२८६ ] देव कहें अपनी अपनी अवलोकन तीरथराज चलो रे। देखि मिटै अपराध अगाध, निमजत साधु-समाज...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१