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  • व्यक्ति उस भाषा को बोलने में समर्थ हुआ। इसीसे फिर सिद्ध होता है कि केवल [ ३१८ ]मन ही पर्याप्त नहीं है, मन भी किसी के हाथ में यंत्र मात्र है; उस व्यक्ति...
    ३५५ B (५,११४ शब्द) - ०८:१८, २५ मार्च २०२३
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • । सहसा उसका कलेजा धक्-से हो गया। यह तो उन्हीं की आवाज है। अब आवाज साफ [ ३१८ ]सुनाई दे रही थी । मॅगरू की आवाज़ थी । वह द्वार के बाहर निकल आई। उसके सामने...
    २३५ B (७,५७८ शब्द) - २३:३५, २५ मई २०२१
  • धारा उछाल कर बड़े ज़ोर से अपनी सखियों के मुँह पर मारती हैं। इस मार से [ ३१८ ] इनके खुले हुए बाल भीग जाते हैं। अतएव कुमकुम लगे हुए बालों की सीधी नोकों...
    ५०९ B (५,६३७ शब्द) - ०६:२१, १८ सितम्बर २०२१
  • माम लेते ही आत्म गौरव से तेरे मुखपर लाली छा जाती थी उसकी आत्मा को तूने [ ३१८ ]यो भ्रष्ट किया, उसकी मिट्टी यो खराब की! किन्तु जब उसने गायत्री को सिर झुका...
    २८९ B (५,७३७ शब्द) - २०:१३, १४ जनवरी २०२४
  • पाई राहवार घोड़े अच्छे लाया था। बांग्याइने उसको तिजारतखांकी पदवी दौं। [ ३१८ ] कूचका राजा। २६ शक्रवार (चैव बदौ ५) को ५॥ कोस पर गांव जालोदमें डेरे हुए।...
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
  • अथवा जहाँ-तहाँ यश की राशि तुम्हीं ने लूटी है, यहाँ भी यश तुम्हारे हाथ है। [३१८] संकर सहर सर नरनारि बारिचर, ⁠विकल सकल महामारी माँजा भई है। उछरत उतरात हहरात...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१