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कहीं आपका मतलब नरा चौथा तो नहीं था?
  • हुआ था। इसी ये लोग गॉमरा चौहान करलाने ।। इसक पूर्व ये खास रिवा चौहान बहलात इसम पाया [ २४ ]________________ जाता है कि नरा मून पुरुर बामुदेव गया पहानी...
    ४१४ B (४,५३४ शब्द) - ११:३२, २ अक्टूबर २०२०
  • के पुत्र थे। इन्होंने नीबँगढ़ (वर्तमान नीमराणा––अलवर) के राजा चंद्रभान चौहान के अनुरोध से "हम्मीर रासो" नामक एक बड़ा प्रबंध-काव्य संवत् १८७५ में लिखा...
    ६९१ B (२,२१७ शब्द) - ०७:४७, ५ नवम्बर २०२०
  • पहले सबलसिंह चौहान और लाल के विषय में लिख कर उसके उपरांत पंजाब निवासी गुरु गोविन्दसिंह और कवि हृदयराम के विषय में कुछ लिखूंगाः- सवलसिंह चौहान इटावा जिले...
    ५२७ B (४,५६० शब्द) - २०:००, ३ अगस्त २०२३
  • लावैंगे। सजे बनवारी बनवारी तन आभरन, ⁠गौरे तन वारी बनवारी आज आवैंगे॥ (२) सबलसिह चौहान––इनके निवासस्थान का ठीक निश्चय नहीं। शिवसिंहजी ने यह लिखकर की कोई इन्हें...
    ५९८ B (२,७०० शब्द) - १७:४६, २७ जुलाई २०२३
  • अपनी अन्य पद बदाा देत नापछिको [ २८८ ]________________ चौहान-बैंश । गहुत क्रोध चट्ट आया और चौहान राजा आनाकसे वयं भिड़ जाने लिये उसने अपने महाबतको आज्ञा...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • कहानियों मे, तुलसी के रामचरितमानस में तथा छत्रप्रकाश, व्रजविलास, सबलसिंह चौहान के महाभारत इत्यादि अनेक आख्यान-काव्यों में पाते हैं। बौद्धधर्म विकृत होकर...
    ६७० B (६,४८४ शब्द) - १७:३६, २७ जुलाई २०२३
  • श्री रानी चौहानि कौ करतय देखि रसाल। फूलति है मन मैं सिया, पहिरि फूल की माल ।। १ ।। दान ग्यान हरि-ध्यान को सावधान सब ठौर ।। श्री रानी चौहानि है रानिनु...
    २७२ B (११,७२५ शब्द) - ०५:५५, ६ जुलाई २०२३
  • विश्वस्त राजपूतों में चम्पावतों की संख्या अधिक थी। जोधा, मेड़तिया, यदु, चौहान, भाटी, देवड़ा, सोनगरा और माँगलिया आदि बहुत से सरदार दुर्गादास के साथ गये...
    ६७५ B (७,९५५ शब्द) - १५:००, १५ दिसम्बर २०२०