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कहीं आपका मतलब श्री जी बाहर सरस्वती विद्वान मन्दिर् तो नहीं था?
  • सीतलप्रसाद का सरस्वती-भवन, कार्माइ केल लाइब्रेरी, बंगसाहित्य-समाज, बाल सरस्वती [ २७४ ]भवन, हरिश्चंद्र का सरस्वती-भंडार इत्यादि अनेक पुस्तक-मंदिर हैं, जिनमें...
    ५५४ B (२,००८ शब्द) - १७:३१, १८ जुलाई २०२२
  • मती मन्नो देवी से, बाबू गोकुलचन्द्र का विवाह बाबू हनुमानदास की कन्या श्री मती मुकुन्दी देवी से और श्री मती गोविदी देवी का विवाह पटना के सुप्रसिद्ध नायव...
    ४८९ B (७,१३४ शब्द) - १५:५३, ३० जुलाई २०२३
  • जो (बाबू गोपालचन्द्र जी के सभासद) १२ शाह कुन्दनलाल जी (श्री वृन्दाबन के प्रसिद्ध कवि और महानुभाव) १३ मिश्र रामदास (?) १४ बाबा जी ( १ ) १५ बिट्ठल भट्टजी...
    ४८९ B (५,३१६ शब्द) - १५:५३, ३० जुलाई २०२३
  • देव कवि, श्री नागरीदास जी, श्री सूरदास जी,और प्रानन्दघन जी का अति प्रिय था। उर्द मे नजीर और अनीस का।अनीस को अच्छा कवि समझते थे । सन्तति बाबू साहिब को...
    ३५८ B (४,७३९ शब्द) - १५:५४, ३० जुलाई २०२३
  • करेंगे ८ किसी प्रकार की मादक वस्तु कभी न खायेंगे न पीयेंगे ६ श्री मद्भगवद्गीता और श्री भागवत को सत्य शास्त्र मानकर नित्य मनन शीलन करेंगे। १० महाप्रसाद...
    ४९० B (६,०६९ शब्द) - १५:५३, ३० जुलाई २०२३
  • हरिश्चन्द्र का जीवन चरित्र गोविन्दी बीबी विद्यावती सरस्वती | राय गोपीकृष्ण कृष्णावती बाबू कृष्णचन्द्र बाबू व्रजचन्द्र वजरमनदास रेवती रमनदास वजजीवन दास मोहन...
    ४८७ B (४,३३७ शब्द) - १५:५३, ३० जुलाई २०२३
  • था और खगोल विद्या पढ़कर तथा सब प्राकृतिक दृश्यों को देखकर काव्यबद्ध करने मे जो समय व्यतीत किया था, उन कविजनों के परिश्रम और संस्कृत विद्या को पौराणिक...
    ४३६ B (१२,९७६ शब्द) - १९:५०, १ नवम्बर २०२०
  • तक इसी तिथि को गोस्वामी जी के नाम सीधा दिया करते हैं। 'मैं पुनि निज गुरु सन सुनी, कथा सो सूकर खेत' को लेकर कुछ लोग गोस्वामी जी का जन्मस्थान ढूँढ़ने एटा...
    ८३० B (५,५१८ शब्द) - ०४:०८, ६ अक्टूबर २०२०
  • मी म म. ध स था ना मा छ के ग्धी छि श्री छ बैजनाथ ( कांगड़े में ) के मंदिर की प्रशस्ति मे (भक मं. १९२६ ई. म. १२०५ ). जी र F G 0 6 0 परि म पु म उमर ए ओं फ...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • सुदर्शन--(देखकर ) हयँ, कौन ? छोटी माता जी ? प्रणाम ! चित्र०--चिरंजीवी हो । सुदर्शन, तुम मेरा कितना भादर करते हो ? सुदर्शन--माता जी, आज आप यह कैसा प्रश्न कर रही...
    ३०३ B (९,१४५ शब्द) - १९:२०, १९ जनवरी २०२४
  • को मिटानेवाले । जनरजन -दासो को आनदित करनेवाले । भारती=सरस्वती । भारती-बदन -मुँह पर जिनके सरस्वती है । अदन खानेवाले । सिव = कल्याणकारी । ससि-पतग पावक नयन...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१