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- के समय में ज़रूर हुए; पर ईसा के ५७ वर्ष पहले नहीं । ईसा के चार पाँच सौ वर्ष बाद किसी और ही विक्रमादित्य के समय में वे हुए। इस राजा की भी राजधानी उज्जेन...३४९ B (६,९८१ शब्द) - १५:३०, १६ सितम्बर २०२१
- नन्द राजा को मार डाला और ईसा से प्रायः ३२१ बरस पहिले मगध का राजा बन बैठा। [ ६७ ] (१) मौर्य वंश। १—चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में (ईसा से ३२१ बरस पहिले से लेकर...६२२ B (२,१२८ शब्द) - २२:४२, १३ सितम्बर २०२०
- में चला गया। यह घटना ईसा के [ ७९ ] आठवें शतक के मध्य में हुई जान पड़ती है। चीन के ऐतिहासिक ग्रन्थों में लिखा है कि सुमात्रा में, ईसा के पाँचवें शतक में...९१६ B (३,७६३ शब्द) - १६:२०, १७ जुलाई २०२३
- इसका ग्रहण, ४१३. इसने स्वभाविक रूप का मुसलमानी दरबारको रूप-उद्-से भिन्नता, १५३; गद्य साहित्य में इसके प्रादुर्भाव और व्यापकता का कारण, ४१३-१४; [ विषय-सूची ]जान...४०२ B (२,४११ शब्द) - १७:४६, २७ जुलाई २०२३
- गुप्त-सम्राट् चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य का समय माना जाता है, जिसने सन् ४१३ [ भूमिका ]ई॰ तक राज्य किया था। इन्होंने मालाविकाग्निमित्र, विक्रमोर्वशीय...४४० B (१,७६७ शब्द) - १४:४६, १७ जुलाई २०२२
- उन्हें अपने कर्तव्य पालन के लिए भारतीय जीवन और विचारों का निकट परिचय अवश्य [ ४१३ ] होना चाहिए। वे भारत में जब उतरते हैं तब उन्हें भाषा का ज्ञान बिलकुल नहीं...४१५ B (३,९५१ शब्द) - १४:२१, २३ नवम्बर २०२०
- देवी या बैंगसरोजिनी ५०० मंगलघट ६१३ महात्मा ईसा ५५६ ,, मंगलप्रभात ५४२ महादे-गोरख-संवाद १८ पडोवर का वर्णन ४१३ महाभारत ४४६ : " " लिस मंडन ३४८ महाभारत (गोकुलनाथ...३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३
- वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...१३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
- धातुसेन (५१५—२४ ई॰) न हो कर 'गुप्त-साम्राट्' कुमारगुप्त महेन्द्रादित्य [ ३३ ](४१३–५५ ई॰) था। नाम की समानता से ऐसी भ्रान्ति स्वाभाविक है।" हम अध्याय १० में...५९० B (४,६४८ शब्द) - ००:२०, ४ मई २०२३