पाँच फूल

विकिस्रोत से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
पाँच फूल  (1929) 
द्वारा प्रेमचंद

[ मुखपृष्ठ ]

पाँच फूल


________


लेखक

भारत-विख्यात उपन्यास-सम्राट्


श्रीप्रेमचंदजी


____


प्रकाशक

सरस्वती-प्रेस, बनारस सिटी




प्रथम
मूल्य
नवम्बर
संस्करण
बारह आना
१९२९
[ मुद्रक ]
[ प्रेमोपहार ]


श्रीयुत_______________________________________



_______________________________________



_______________________________________ [ वक्तव्य ]






प्रकाशक का वक्तव्य

आज हम हिन्दी-संसार के समक्ष श्रीमान् 'प्रेमचन्द जी की बिलकुल नवीन पाँच कहानियों का एक अभिनव संग्रह उपस्थित कर रहे हैं। यह कहानियाँ किसी अन्य पुस्तक में नहीं हैं। इनमें की एक कहानी 'इस्तीफा' की तारीफ पिछले महीनों बहुत काफ़ी हो चुकी है। हिन्दी के विशेष-विशेष विद्वानों ने कहा था कि"बाबू प्रेमचन्दजी की यह कहानी, हिन्दी में लिखी गई इधर की सभी कहानियों से श्रेष्ठ और अत्यन्त सामयिक है।” परन्तु हम यह निवेदन करेंगे कि पाठकगण अन्य चार कहानियों को पढ़ें और देखें कि 'कप्तान साहब', 'ज़िहाद', 'फातिहा' और 'मन्त्र'
[ वक्तव्य ]
नाम की कहानियाँ भी कितनी उत्तम और मनोहर हैं। हमारा तो खयाल है कि कला और कथानक की दृष्टि से यह कहानियाँ इस्तीफ़ा से कहीं अधिक सुन्दर हैं, जिन्हें हिन्दी-संसार ने शायद अभी तक भलीभाँति नहीं परखा। आशा है, समग्र पुस्तक को पढ़कर हिन्दी-संसार इसका निर्णय स्वतः कर लेगा।

प्रेमचन्दजी के 'प्रतिज्ञा' नामक सुन्दर उपन्यास को प्रकाशित करते हुए हमने पाठकों को विश्वास दिलाया था कि हम शीघ्र ही उनका लिखा हुआ एक वृहत् उपन्यास भेंट करेंगे। आज हम बड़े गर्व के साथ अपने पाठकों को सन्देश सुनाते हैं कि श्रीमान प्रेमचन्दजी का वह उपन्यास छपना शुरू हो गया है, और शीघ्र ही "ग़बन" के नाम से प्रकाशित होगा। पृष्ठ-संख्या ठीक चार सौ होगी और मूल्य २₹ मात्र।

जो सज्जन अभी से ₹ भेजकर हमारे यहाँ के स्थायी ग्राहक बन जायेंगे, वे इसे पौने मूल्य में पायेंगे और हमारे प्रेस की सभी पुस्तकें उन्हें हमेशा पौने मूल्य में मिलेंगी।

आगे हम बहुत-सी उत्तम-उत्तम पुस्तकों के प्रकाशन का प्रबन्ध कर रहे हैं। आशा है, हिन्दी-प्रेमी सहृदय सज्जनों से हमें काफी साहाय्य प्राप्त होगा।  

--------

[ विज्ञापन ]


श्रीप्रेमचंदजी के


(१) मौलिक-उपन्यास


कायाकल्प ३॥) प्रेमाश्रम ३॥)
रंगभूमि ६) सेवासदन ३)
वरदान २) निर्मला २॥)
प्रेमा ।।।) प्रतिज्ञा १॥)


(२) गल्प संग्रह


प्रेम-पुर्णिमा २) प्रेम-प्रसून १॥)
प्रेम-प्रमोद २॥) प्रेम-प्रतिमा २)
प्रेम-पच्चीसी २॥) प्रेम-तीर्थ १॥)
सप्तसरोज ॥) नवनिधि ॥।)
प्रेम-द्वादशी १।) प्रेम-चतुर्थी ॥)


(३) नाटक


संग्राम १॥) कर्बला २)


(४)अनुवादित तथा संकलित


आज़ाद कथा (पहला भाग)२॥)
"" (दूसरा भाग) २)
अहंकार॥=)महात्मा शेखशादी॥)
गल्प-समुच्चय २॥) अवतार॥)


भारत-विख्यात


उपन्यास सम्राट


श्रीप्रेमचंदजी-


लिखित
सब पुस्तकें तो यहाँ मिलेंगी
ही ; पर यदि
आपको
हिन्दुस्तान-भर की


किसी भी


हिन्दी पुस्तक की आवश्यकता
हो,तो सीधे आप एक कार्ड
हमारे पास लिख दीजिए।
सब पुस्तकें घर बैठे
वी॰पी॰ पार्सल द्वारा


आपको


मिल जायँगी


यह पता नोट कर लें-


सरस्वती-प्रेस,बनारस सिटी

[ विज्ञापन ]




सरस्वती-प्रेस से प्रकाशित पुस्तकें


अवतार
सुघड़ बेटी
सुशीला कुमारी
मुरली-माधुरी
गल्प-समुच्चय
प्रेम-तीर्थ
प्रतिज्ञा
रस-रंग
वृक्ष-विज्ञान
ज्वालामुखी


...
...
...
...
...
...
...
...
...
...


...
...
...
...
...
...
...
...
...
...


।।)
।।)
।।)
।=)
२।।)
१।।)
१।।)
।।।)
१।।)
।।।)

[ चित्र ]

श्रीप्रेमचन्दजी

[ सूची ]





कप्तान-साहब ... १

स्तीफ़ा ...१९

जिहाद ...४३

मंत्र ...६५

फ़ातिहा ...९३

यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।


यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।