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  • द्वारा राजस्थान की जल संग्रह व्यवस्था पर अध्ययन के लिए उन्हें एक फैलोशिप दी गई। इस अध्ययन पर आधारित उनकी पुस्तक 'राजस्थान की रजत बूंदें' जल संग्रह की पारंपरिक...
    ४१९ B (२,७५८ शब्द) - ०६:५९, २० नवम्बर २०२०
  • (१८३९) की पहली जिल्द की   भूमिका ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे सन् की १६वीं शताब्दी से पूर्व भारत की आधुनिक भाषाओं ने सर्वत्र वेदों की पवित्र भाषा का स्थान...
    ५९५ B (४,२७७ शब्द) - ०१:२७, २ जून २०२१
  • काव्य और कला तथा अन्य निबन्ध  (1939)  द्वारा जयशंकर प्रसाद ६—रंगमंच 144390काव्य और कला तथा अन्य निबन्ध — ६—रंगमंच1939जयशंकर प्रसाद [ ९७ ]   रंगमंच [ ९९ ]...
    ६१९ B (४,४९१ शब्द) - १३:००, १९ नवम्बर २०२१
  • साहित्य का इतिहास  (1941)  द्वारा रामचंद्र शुक्ल खड़ी बोली-गद्य 70225हिन्दी साहित्य का इतिहास — खड़ी बोली-गद्य1941रामचंद्र शुक्ल [ ४०९ ] खड़ी बोली का गद्य...
    ८३६ B (४,९०१ शब्द) - १७:३९, २७ जुलाई २०२३
  • हिन्दी साहित्य का इतिहास  (1941)  द्वारा रामचंद्र शुक्ल देशभाषा काव्य 47516हिन्दी साहित्य का इतिहास — देशभाषा काव्य1941रामचंद्र शुक्ल [ २९ ] प्रकरण ३ देशभाषा...
    ७४४ B (६,९३७ शब्द) - १०:००, ८ जुलाई २०२३
  • रामचद्रिका की टीका (जानकीप्रसाद) राजपूताने का इतिहास ३७ ४०७ . राजमुकुट ५५४ रामचद्रिका की टीका' (भगवान दीन) राजयोग ६१ राजस्थान केसरी (राधाकृष्णदास) रामचंद्रोदय काव्य...
    ३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३
  • के काम को समझना राजस्थान से शुरू किया। इस काम की गहराई बहुत थी और हम उसके लायक़ नहीं थे। बहुत तैयारी करनी पड़ी इसको समझने में। राजस्थान से यह यात्रा शुरू...
    ६०६ B (२२,६४५ शब्द) - १६:५०, २० नवम्बर २०२०
  • की प्रसिद्ध पुस्तक' ऐनल्स एंड एन्टीक्विटीस ऑफ राजस्थान' के परिवर्धित हिन्दी संस्करण 'राजस्थान का इतिहास' (संपादन श्री बी.आर.मिश्र, श्री जे.पी. मिश्र और...
    ४४९ B (७,०८९ शब्द) - १४:०९, ३० मई २०२१
  • हिन्दी साहित्य का इतिहास  (1941)  द्वारा रामचंद्र शुक्ल कवि-परिचय 68965हिन्दी साहित्य का इतिहास — कवि-परिचय1941रामचंद्र शुक्ल [ १२६ ] गोस्वामी तुलसीदासजी––यद्यपि...
    ८३० B (५,५१८ शब्द) - ०४:०८, ६ अक्टूबर २०२०
  • हुई कि चरित, आख्यायिका और मनोरञ्जक कहानियों की उत्पत्ति कहीं कहीं होने लगी। हिन्दी के आधुनिक साहित्य का जन्म उन्नीसवीं शताब्दी में हुआ समझना चाहिए। इस...
    ५०९ B (६,९५५ शब्द) - ०५:४१, १५ सितम्बर २०२१
  • किया है। उन्होंने इसकी भिन्न-भिन्न परिभाषाएँ भी दी हैं। भरत मुनि से लेकर आधुनिक विद्वानों तक ने इस ओर सदा अपने-अपने दृष्टिकोण के अनुसार ध्यान दिया है और...
    ३०५ B (८,६१२ शब्द) - ०९:३५, १५ अक्टूबर २०१९
  • शानदार गीतों, नृत्य, कला और भारत की संस्कृति और इतिहास को क्यों नहीं पोस्ट किया जाये? आकाशवाणी की भांति दूरदर्शन भी काफी समय तक सरकार का ही अंग था। अब वह...
    ३५१ B (३०,२४० शब्द) - १५:२४, २८ जुलाई २०२३
  • किया है। उन्होंने इसकी भिन्न-भिन्न परिभाषाएँ भी दी हैं। भरत मुनि से लेकर आधुनिक विद्वानों तक ने इस ओर सदा अपने-अपने दृष्टिकोण के अनुसार ध्यान दिया है और...
    २९५ B (७,७७२ शब्द) - ०९:३५, १५ अक्टूबर २०१९
  • प्राचीन गौरववाले भारतवर्ष का मुसलमानों के यहां आने के पहिले का शृंखलाबद्ध इतिहास, जिसे आधुनिक काल के विद्वान् वास्तविक इतिहास कह सकें, नहीं मिलता. भारतवर्ष...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१