खोज परिणाम

श्रद्धा हेतु खोज परिणाम निम्न हैं। श्रध्दा हेतु खोज खोजें।
देखें (पिछले २० | ) (२० | ५० | १०० | २५० | ५००)
  • कामायनी  (1936)  द्वारा जयशंकर प्रसाद 26713कामायनी1936जयशंकर प्रसाद [ २६ ] "कौन तुम ? संसृति-जलनिधि तीर-तरंगों से फेंकी मणि एक, कर रहे निर्जन का चुपचाप...
    १९६ B (१,२८४ शब्द) - ०९:३५, १५ अक्टूबर २०१९
  •  (1919)  द्वारा रामचंद्र शुक्ल ३—श्रद्धा-भक्ति 155963चिन्तामणि — ३—श्रद्धा-भक्ति1919रामचंद्र शुक्ल [ १७ ]  श्रद्धा-भक्ति किसी मनुष्य में जन-साधारण से...
    ३१७ B (८,६३० शब्द) - १६:३७, १७ अगस्त २०२१
  • कामायनी  (1936)  द्वारा जयशंकर प्रसाद श्रद्धा 26714कामायनी — श्रद्धा1936जयशंकर प्रसाद [ २६ ] "कौन तुम ? संसृति-जलनिधि तीर-तरंगों से फेंकी मणि एक, कर रहे...
    १७३ B (१,२८६ शब्द) - ००:५३, २२ अक्टूबर २०१९
  •  (2006)  द्वारा अनुपम मिश्र श्रद्धा-भाव की ज़रूरत 145664साफ़ माथे का समाज — श्रद्धा-भाव की ज़रूरत2006अनुपम मिश्र [ २४९ ] श्रद्धा-भाव की ज़रूरत बहुत अच्छा...
    ३८९ B (२,६३६ शब्द) - १६:५१, २० नवम्बर २०२०
  • श्रद्धा वाले सूक्त में सायण ने श्रद्धा का परिचय देते हुए लिखा है, ‘कामगोत्रजा श्रद्धानामर्षिका ।' श्रद्धा काम-गोत्र की बालिका है, इसीलिए श्रद्धा नाम...
    २७६ B (१,६१० शब्द) - ०३:३५, २७ जुलाई २०२३
  • शारीरिक तीनो तरहकी कठिनाअियोमे रामनाम मनुष्यका सबसे बड़ा सहारा बनता है, अैसी श्रद्धा गाधीजीने अपने लेखोमे बार-बार प्रकट की है। जीवनके आखिरी बरसोमे कुदरती अुपचारका...
    ३७६ B (७१८ शब्द) - ०१:१७, ५ अगस्त २०२०
  • करना। 'रूपक' की भावना के अनुसार श्रद्धा विश्वास-समन्वित रागात्मिका वृत्ति हैं और इड़ा व्यवसायात्मिका बुद्धि। कवि ने श्रद्धा को मृदुता, प्रेम और करुण का प्रवर्तन...
    ५८२ B (५,१९३ शब्द) - १७:३७, २७ जुलाई २०२३
  • में मनु के मुदित-नयन खुले। श्रद्धा का अवलंब मिला फिर कृतज्ञता से हृदय भरे, मनु उठ बैठे गद्गद होकर बोले अनुराग भरे। "श्रद्धा ! तू आ गयी भला तो—पर क्या मैं...
    २२७ B (२,०२४ शब्द) - १३:१५, १५ अक्टूबर २०१९
  • जब श्रद्धा का वह सहज-खेद से भरा रूप , अपनी इच्छा का दृढ़ विरोध--जिसमें वे भाव नहीं अनूप । वे कुछ भी बोले नहीं, रहे चुपचाप देखते साधिकार , श्रद्धा कुछ...
    २०८ B (१,४६८ शब्द) - ०१:०१, २२ अक्टूबर २०१९
  • द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा, संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धा पूर्वक और शुद्ध अन्तःकरण से निर्वहन करूंगा...
    ४५० B (७०२ शब्द) - ०५:२९, २६ दिसम्बर २०२३
  • सोचने लगे, मेरा जीवन कितना विचित्र है ! श्रद्धा जैसी देवी को पा कर भी मैं दाम्पत्य-सुख से वचित हूँ। सामने श्रद्धा का शयनगृह हैं, पर मैं उधर ताकने का साहस...
    २५९ B (२,६८० शब्द) - २१:४२, १३ जनवरी २०२४
  • साधना भर उत्साह खड़ी थी , ज्यों प्रतिकूल पवन में तरणी गहरे लौट पड़ी थी। श्रद्धा के उत्साह वचन, फिर काम-प्रेरणा मिल के। भ्रांत अर्थ बन आगे आये बने ताड़...
    २३२ B (२,२८२ शब्द) - ०१:००, २२ अक्टूबर २०१९
  • मुझपर श्रद्धा रखनी चाहिये। श्रद्धा, श्रद्धा, श्रद्धा, यही अर्थ, धर्म, काम, मोक्षकी प्राप्तिका मूलमंत्र है। श्रद्धासे ब्रह्म मिल जाता है। पर श्रद्धा उत्पन्न...
    २५४ B (८५३ शब्द) - २३:३३, २७ मार्च २०२१
  • ग्यारह बजे थे। श्रद्धा ऊपर से उतरी और सकुचाती हुई आ कर दीवानखाने के द्वार पर खड़ी हो गयी। लैम्प जल रहा था, प्रेमशंकर किताब देख रहे थे। श्रद्धा को उनके मुखमंडल...
    २८९ B (१,७७० शब्द) - २१:०६, १४ जनवरी २०२४
  • दिला दो। प्रेमशंकर ने श्रद्धा से भी वही बात कही। श्रद्धा ने माया का पक्ष लिया। बहस होने लगी। कुछ निश्चय न हो सका। दूसरे दिन श्रद्धा ने फिर वही प्रश्न उठाया।...
    २८९ B (२,५४० शब्द) - २१:०९, १४ जनवरी २०२४
  • देख हम उस पर श्रद्धा प्रकट करेंगे, हमारी श्रद्धा से उसकी दया तत्क्षण बढ़ेगी नहीं। श्रद्धा पर दया नहीं होती है; दया होती है क्लेश पर। श्रद्धा पर जो वस्तु...
    ३६५ B (३,०२२ शब्द) - १६:३६, १७ अगस्त २०२१
  • कर देता है। श्रद्धा- तुम्हें भ्रम हुआ है। ज्ञान--फिर वही बच्चों की-सी बातें करती हो। तुम क्या जानती हो कि उनके पास रुपये थे या नहीं? श्रद्धा--तो जरा वहाँ...
    २८९ B (१,१८० शब्द) - २०:५०, १३ जनवरी २०२४
  • 176812प्रेमाश्रम1919प्रेमचंद [ ३३९ ] ५३ श्रद्धा और गायत्री मे दिन-दिन मेल-जोल बढ़ने लगा। गायत्री को अब ज्ञात हुआ कि श्रद्धा में कितना त्याग, विनय, दया और सतीत्व...
    २७३ B (३,६९६ शब्द) - २०:१६, १४ जनवरी २०२४
  • पाठकोके सामने भी अिसे पेश करता हू, जिनकी दृष्टि धुधली नही हुअी है और जिनकी श्रद्धा बहुत विद्वत्ता प्राप्त करनेसे मन्द नही हो गअी है। विद्वत्ता हमे जीवनकी...
    २७९ B (२५४ शब्द) - २१:५८, ३१ जुलाई २०२३
  • श्रद्धा होनी चाहिए।" "श्रद्धा ! इस देश में श्रद्धालुओं की कमी है। झुण्ड के झण्ड स्त्री-पुरुष जो देवी-मन्दिर की ओर भागे चले जा रहे है, ये क्या श्रद्धा...
    २४९ B (२,०४४ शब्द) - २२:४९, २ अगस्त २०२०
देखें (पिछले २० | ) (२० | ५० | १०० | २५० | ५००)