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  • विवाह करने के उदाहरणों से भरे पड़े हैं। सबसे बड़े भारतीय नाटककार कालिदास ईसा से पूर्व पाँचवीं शताब्दी में हुए थे। उनकी रचनाओं में सर्वश्रेष्ट शकुन्तला एक वयस्क...
    ४८९ B (५,९३१ शब्द) - ००:४६, २२ नवम्बर २०२०
  • बहुत कम है । जापान और जर्मनी की दशा देखिये, चीन की हालत पर विचार कीजिए।" [ १९२ ]"हाँ ! ठीक कहते हो।" पण्डित जी ने मुस्कराकर कहा।" इसके पश्चात् बात का प्रसंग...
    २४९ B (२,०४४ शब्द) - २२:४९, २ अगस्त २०२०
  • जेजाकभुक्ति (जेनानुति) का भी राहा साफ कर दिया। इससे वहाँकै चन्देल राजा मनवघर १८ [ १९२ ]________________ मालवेके परमार। भी जयसिंहने चढ़ाई की। यह जेजाकमुक्ति आजकल...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • है। * होमर (Homer) ग्रीक लोगों का आदि कवि है। इसका समय ईसा से लगभग एक हजार वर्ष पूर्व है। इस के "इलियड" और "ओडिसी" बड़े प्रतिष्ठित ग्रन्थ हैं। हिन्दुओं...
    ४२१ B (१८,७०० शब्द) - ११:३५, ४ नवम्बर २०२०
  • थे। मेरे पूर्व बॉस जॉन डी, पॉडेस्टा और साथ ही लेबर विभाग के पूर्व सचिव रॉबर्ट रीच और ओक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन (ओएसएचए) के पूर्व निदेशक...
    ३५१ B (३०,२४० शब्द) - १५:२४, २८ जुलाई २०२३
  • में और कितने ही बँगले थे। शहर के लोग उधर हवाखोरा के लिए जाया करते थे, और [ १९२ ]हरे होकर लौटते थे; पर रतन को वह जगह काड़े खाती थी। बीमार के साथ वाले भी...
    २१७ B (६,१४५ शब्द) - १९:००, २४ जनवरी २०२०
  • दुर्गंध के मारे माथा फटा जाने से घृणा होती हो। कल की किसने देखी है? इसके पूर्व संचित धोर पापों के फल से अपने प्रारब्ध का परिणाम भोगने के लिये यदि ये आज...
    ६०५ B (३,१०३ शब्द) - १३:०८, १७ दिसम्बर २०२१
  • नहीं मिलता। 191 [ १९२ ] हम गर्म दूध को छाछ मानकर बिना फूंके पी लेते हैं। मछली उद्योग का उदाहरण हमारे सामने हैं। देश के समुद्र तटीय भाग इस समय घोर कष्ट में...
    ६०६ B (२२,६४५ शब्द) - १६:५०, २० नवम्बर २०२०
  • बखतरखांकी हुई है वह मरोही हुई हैं। यह जानकर बादशाहने और भी उस पर कृपा की। : वह [ १९२ ] १६० जहांगीरनामा। रातोंको सेवामें रहता था और, आदिलखांके बनाये हुए ध्रुपद...
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
  • नौकरी में जहां पांच से छ: घंटे हुए कि देह टूटने लगी, जम्हाइयां आने लगीं। [ १९२ ] रास्ते में और कोई बातचीत न हुई। जालपा का मन अपनी हार मानने के लिए किसी...
    २१४ B (२८,७४६ शब्द) - १७:२४, २६ जुलाई २०२३
  • है, सो इसमें पाप है कि जिसके दर्शन से पद मिला उसे ही पैर पाठान्सर-जन। [ १९२ ] से दबाऊँ! यदि ईश हुआ तो शाश पर रक्खूँगा परन्तु डर है कि प्रभु को बनाबरी...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१