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कहीं आपका मतलब बडा काजर तो नहीं था?
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- अदा करना जरूर है। सब––बेशक, बेशक। (काजी उठकर सबके आगे घुटने के बल झुकता है और फिर अमीर आदि भी उसके साथ झुकते हैं) काजी––(हाथ उठाकर) काफिर प मुसल्माँ को...४४९ B (३२९ शब्द) - ०८:०९, २० मई २०२१
- सूरजदेव शबखून मारे। (काजी से) काजी साहब! मैं आपसे क्या बयान करूँ, वल्लाही सूरजदेव एक ही बदबला है। इहातए पंजाब में ऐसा बहादुर दूसरा नहीं। काजी––बेशक हुजूर! सुना...४२७ B (३४१ शब्द) - ०४:३२, १९ मई २०२१
- बढ्यो कुसल सों, कठिन मोह की बात॥ करनी प्रगट प्रीति पिक-कीरति अपने काज लौं भीर। काज सर्यो दुख गयो कहाँ धौं, कहँ बायस को बीर॥ जहँ जहँ रहौ राज करौ तहँ तहँ...६१३ B (८८ शब्द) - २२:२०, १३ सितम्बर २०२०
- से घर को आते थे, इस बीच एक असुर अति बड़ा बैल बन आय गायो में मिला। आकाश लौ देह तिनि धरी। पीठ कड़ी पाथर सी करी। बड़े सींग तीछन दोउ खरे। रक्त नैन अति ही रिस...४०१ B (१,४२३ शब्द) - १८:११, ३ दिसम्बर २०२१
- देवकी हमसों कहत आपने जाए। बहुरि बिधाता जसुमतिजू के हमहिं न गोद खिलाए॥ कौन काज यह राज, नगर को सब सुख सों सुख पाए? सूरदास ब्रज समाधान कर आजु काल्हि हम आए॥२॥...४८७ B (७९ शब्द) - ०२:४९, ३० जुलाई २०२०
- सिखलाये जाते हैं। बच्चों का पालन-पोषण, सफाई, कला-कौशल और गृहस्थी के काम-काज के सिवा शिष्टाचार, गाना-बजाना, तसवीर खींचना और फूलों की मालायें और गुलदस्ते...५१२ B (६७३ शब्द) - १६:०७, ९ नवम्बर २०२१
- करना हो सो करिये। महाराज, इतना कह पुनि ऊधोजी बोले कि महाराज, राजा जरासंध बड़ा दाता औ गौ ब्राह्मन को मानने औ पूजनेवाला हैं। जो कोई विससे जाकर जो मांगता...४२५ B (६७४ शब्द) - ०८:४२, ५ दिसम्बर २०२१
- ५—दूसरा पेशवा बाजीराव था। यह सन् १७२० ई॰ से १७४० ई॰ तक राज क़ाज करता रहा। इसने बड़े बड़े मरहठा सरदारों को आज्ञा दी कि जहां तुम्हारा जी चाहै जाओ और उस...५२७ B (१,०२५ शब्द) - १३:४७, १६ सितम्बर २०२०
- भरत सत्यव्रत और सत्यप्रिय थे और राम से बड़ा सनेह रखते थे; पिता के देहान्त के पीछे राम की खोज में चले और उनसे बड़ी बिनती की कि आप घर लौट चलें और अवध में...५०५ B (१,०८३ शब्द) - ०१:२२, ४ अगस्त २०२०
- विसे देख लड़ने को फट बाँध ताल ठोक सिह की भाँति गरज कर बोले―अरे, जो तू कंसका बड़ा प्रीतम है औ घोड़ा आया है तो और के पीछे क्या फिरता है, आ मुझसे लड़ जो तेरा...४३९ B (७७४ शब्द) - १८:१६, ३ दिसम्बर २०२१
- बहुधा अपनी सेना लेकर एराक़ पर आक्रमण करने चला जाया करता था, और अपने राज्य-काज की तरफ़ से बेपरवाह हो जाता था। उसके पीछे देश में घोर उपद्रव मचते रहते थे...४११ B (२७० शब्द) - १४:११, १३ नवम्बर २०२१
- होते हैं, उतने साल-भर के बाकी दस महीनों में भी नहीं होते। उद्यमी और काम- काजी लोग भी जिनको विना कुछ उद्यम और परिश्रम किए केवल हाथ पर हाथ रख बैठे रहने की...३८७ B (२,३४७ शब्द) - १५:२२, १५ अक्टूबर २०२१
- आते ही विन के हाथ पॉव की हथकड़ी बेड़ी काट दीं और बिनती कर कहने लगा कि मैने बड़ा पाप किया जो तुम्हारे पुत्र मारे, यह कलंक कैसे छूटेगा, किस जन्म में मेरी गति...३८३ B (५३४ शब्द) - ०२:५०, २५ नवम्बर २०२१
- रहा। मैं इतना जान गया था कि हमें बड़े-बूढ़ोंकी आज्ञा माननी चाहिए, जैसा वे कहें करना चाहिए; पर वे जो-कुछ करें उसके काजी हम न बनें। इसी समय और दो घटनाएं...३०६ B (१,४४४ शब्द) - ०४:१४, ४ अगस्त २०२३
- दीनबन्धु दासने श्रीमान्की सेवा चालीस साल तक की, अब मेरी अवस्था भी ढल गई, राज-काज संभालनेकी शक्ति नहीं रही। कहीं भूल-चूक हो जाय तो बुढ़ापेमें दाग लगे। सारी...१७४ B (५६८ शब्द) - ०२:२१, ४ अगस्त २०२३
- के मेली-मित्रों के अतिरिक्त और कोई न होता था। कभी कभी बड़े हाकिम भी आ निकलते और भगतजी का बड़ा आदर-सत्कार करते, जरा देर के लिए भगतजी के आँसू पुँछ जाते...५४८ B (२,२०५ शब्द) - ०९:४५, २२ मई २०२०
- मनुष्य वर्षों मे छोटा है, वह, यदि उसने अपना समय वृथा नष्ट नहीं किया,तो घंटों बडा हो सकता है। तात्पर्य यह है कि अल्पवयस्क होकर भी जिसने अपने अमूल्य समय का...४२१ B (९१२ शब्द) - २३:३७, २० जुलाई २०२३
- बायें हाथका खेल था। मैं वहांसे सटका। पता नहीं, मवक्कील हारा या जीता। मैं बड़ा लज्ज़ित हुआ। निश्चय किया कि जबतक पूरी-पूरी हिम्मत न आजाय, तबतक कोई मुकदमा...३६० B (१,०४२ शब्द) - ०४:१०, ४ अगस्त २०२३
- लिया, सदा कंस की संगति में रहा, भजन का भेद कहाँ पाऊँ। हाँ अगले जन्म कोई बड़ा पुन्य किया हो, उस धर्म के प्रताप का यह फल हो तो हो जो कंस ने मुझे श्रीकृष्णचंद...३९९ B (४९५ शब्द) - १८:२०, ३ दिसम्बर २०२१
- मिरचा लहसुन पियाज टिकोरा। ले फालसा खिरनी आम अमरूत निबुधा मटर होरहा। जैसे काजी वैसे पाजी। रैयत राजी टके सेर भाजी। ले हिंदुस्तान का मेवा फूट और बैर। मुगल––बादाम...४०० B (९०९ शब्द) - १७:२८, २० मई २०२१