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  • और शीघ्रता से उसे पढ़ा। फिर कुछ चिन्तित होकर कहा—"परन्तु सहायता कहां है सौम्य? आर्य वर्षकार का आदेश है कि बैशाखी के दिन चम्पा में प्रवेश करना होगा।" "वह...
    ४९६ B (८२१ शब्द) - १५:५०, ३० जुलाई २०२०
  • देवताओं के नाम पर भारी ढोंग हैं।" "शान्तं पापं, यह ब्राह्मण-विद्रोह है सौम्य, सम्राट् भी यही कहते हैं। वे भी उसी गौतम के शिष्य हो गए हैं। शारिपुत्र मौद्गलायन...
    ५३४ B (१,२७१ शब्द) - १७:१९, २४ जुलाई २०२०
  • कर प्रेम सहित पूछी कुशल । तदुपरान्त आदर से उचितासन दिया ॥१९।। सौम्य - मूर्ति का सौम्य - भाव गंभीर - मुख । आश्रम का अवलोक शान्त - वातावरण ।। विनय - मूर्ति...
    ३८० B (१,५८० शब्द) - १७:५९, २१ दिसम्बर २०२१
  • सुखदास और वही वृद्ध ग्वाला है। लोगों ने देखा, उसी सौम्य मूर्ति के साथ महाश्रेष्ठि धनंजय भी हैं। सौम्य मूर्ति सबके देखते-देखते वेदी पर चढ़ गई। उसने प्रतिमा...
    २८३ B (२,२४८ शब्द) - ०६:१५, २९ जुलाई २०२३
  • उसने विरक्ति प्रकट की। इसी से एक दिन गुरु-शिष्य में ठन गई। गुरु ने कहा—सौम्य धर्मानुज, विश्वास से लाभ होता है। पर धर्मानुज ने कहा—"आचार्य, मैंने सुना...
    २५८ B (७४३ शब्द) - ०६:१४, २९ जुलाई २०२३
  • आयुष्मान्, तुम करना क्या चाहते हो?" "वह कल सूर्योदय होने पर आप देख लीजिएगा।" "सौम्य सोम, तुम कोई असम साहस तो नहीं कर रहे। मैं तुम्हें किसी घातक योजना की अनुमति...
    ५३२ B (७३४ शब्द) - १५:५९, ३० जुलाई २०२०
  • छाती की दाह रही , तो ले ले जो निधि पास रही , मुझको बस अपनी राह रही, रह सौम्य ! यहीं, हो सुखद प्रांत , विनिमय कर दे कर कर्म कांत। तुम दोनों देखो राष्ट्र-नीति...
    २३४ B (१,८३० शब्द) - १३:१५, १५ अक्टूबर २०१९
  • सम्बन्ध मौलिक सिद्धांतों के साथ है। १७ तारीख्न के ‘टाइम्स आफ इंडिया' ने अपनी सौम्य टीका में मुझे यह कहने के लिए आड़े हाथों लिया है कि यूरोप के लोग नहीं जानते...
    ५४७ B (८४८ शब्द) - १६:०४, ११ अगस्त २०२१
  • हों राजकुमारी।" "खिन्न नहीं हूं हला, लज्जित हूं, तुम्हारे और तुम्हारे इस सौम्य दास के उपकार के लिए। कब कैसे बदला चुका सकूंगी?" "राजकुमारी; हम सब तो आपके...
    ४४८ B (९०५ शब्द) - ०७:५६, ७ अगस्त २०२०
  • ​   प्रथम अंक १ स्थान-तक्षशिला के गुरुकुल का मठ चाणक्य और सिंहरण चाणक्य—सौम्य, कुलपति ने मुझे गृहस्थजीवन में प्रवेश करने की आज्ञा दे दी। केवल तुम्हीं...
    ४६० B (१,५२२ शब्द) - ०३:००, ४ सितम्बर २०२१
  • रहा था कि वह ब्रह्मचारी असाधारण शक्ति सम्पन्न है। भगवान् वादरायण बोले—"सौम्य मधु, गंगा का विस्तार तो बढ़ता ही जाता है। उस ओर के जो ग्राम डूब गए थे, वहां...
    ४६० B (९८१ शब्द) - ०७:४२, ७ अगस्त २०२०
  • ९ प्रदेश हैं--इन्द्रद्वीप, कसेरुमान्, ताम्रपर्ण, गभस्तिमान्, नागद्वीप, सौम्य, गन्धर्व, वरुण, कुमारीद्वीप । दक्षिण समुद्र से लेकर हिमालय तक १,००० योजन...
    ३५४ B (९१५ शब्द) - १३:१५, ९ मई २०२१
  • पर कसने के लिये, देव-मन्दिर, धर्मशालाएँ आदि विद्यमान हैं । वे सदा शांत, सौम्य और प्रसन्न रहती थीं । तुकोजी सदा इनको मातेश्वर कह कर सवाघन किया करते थे...
    ४०५ B (१,१५९ शब्द) - ०९:३२, १५ अक्टूबर २०१९
  • संदेश अक्षरशः आर्य उदायि की सेवा में पहुंच जाएगा।" "तब दूसरी बात भी सुनो सौम्य," सेनापति ने और निकट मुंह करके और भी धीरे-से कहा— "मेरे महान् प्रतिद्वन्द्वी...
    ४३६ B (१,२०२ शब्द) - १६:०२, ३० जुलाई २०२०
  • विपरीत सच्चे क्षत्रिय में ब्राह्मणो के प्रति जो उदारता थी वह उसे अंत तक सौम्य बनाए रखती है। एक अकारण दूसरे से द्वेष रखता है, उसे अनेक प्रकार से कष्ट देता...
    ५७१ B (४,३८९ शब्द) - १५:२६, १७ जुलाई २०२२
  • निखरती , यह अनवस्था, युगल मिले से विकल व्यवस्था सदा बिखरती । देखो वे सब सौम्य बने हैं किन्तु सशंकित हैं दोषों से , वे संकेत दंभ के चलते भ्र-चालन मिस परितोषों...
    २१६ B (१,५५१ शब्द) - ०९:३४, १५ अक्टूबर २०१९
  • लोग अकसर स्वार्थी जनों की झूठी तुहमतों के शिकार हो जाते हैं। यह टोडरमल की सौम्य-वृत्ति और विवेकशीलता ही थी, जिससे वह अपनी इज्जत आबरू सम्हाले रहा। नहीं तो...
    ५२१ B (२,७५० शब्द) - ०७:३०, २९ जुलाई २०२०
  • ⁠जो बूँदे थी सजल दृग के पक्ष्म में विद्यमाना । ⁠धीरे धीरे तिति पर उन्हें सौम्यता से गिराया ॥२८॥ श्री राधा को यह पवन की प्यार वाली क्रियाये । थोडी सी भी...
    ३५१ B (२,८६६ शब्द) - १६:५४, १२ अक्टूबर २०२०
  • भारतेन्दु जी के विषय में लोग क्या क्या अनर्गल बातें कहते थे उन सबका बड़ी सौम्यता के साथ वर्णन किया गया है। प्रातः काल कुछ रात्रि रहते ही जाते समय रईसी प्रथानुसार...
    ५५५ B (१,३६२ शब्द) - १५:३१, १७ जुलाई २०२२
  • साधुकुमार बैठ गया। ऊंचे कद का, सुगठित, रूपवान्, गोरा, मीठे वचन बोलने वाला, सौम्य युवक था जिसे केवल खाने और सैर-सपाटे से मतलब था। जो कुछ जुड़ जाय भरपेट खा...
    ३८५ B (१,८२३ शब्द) - २०:११, २१ मई २०२१
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