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  • प्रतीक्षा में ही बैठी रहती हूँ।” उन्होंने करुणा की बातों पर कुछ भी ध्यान न दिया। जेब से रुपये निकाल कर मेज पर ढेर लगाते हुए बोले,——“पंडितानी जी की तरह रोज़ ही...
    ३२९ B (७२३ शब्द) - २३:४६, ९ अगस्त २०२१
  • अब तक खर्च हो चुके थे पर काम आधा भी नहीं बना था और ख़र्च के वास्ते वहां से ताकीद पर ताकीद चली आती थी परमेश्वर जाने अबदुर्रहमान को अपने घर ख़र्च के वास्ते...
    ५८५ B (१,९७३ शब्द) - १७:०३, २९ जुलाई २०२३
  • "मुनासिब रीति से थोड़े ख़र्च में सब तरह का सुख मिल सकता है परन्तु इन्तज़ाम और काम के सिलसिले बिना बड़ी से बड़ी दौलत भी जरूरी खर्चों को पूरी नहीं हो सकती...
    २९२ B (१,४४१ शब्द) - ००:३४, २३ मार्च २०२१
  • दस्तखत लाये थे । दाऊद सेठ दिन-भर अपनी गाड़ी लिये-लिये घूमते । किसी ने जेब-खर्च तक न मांगा । दादा अब्दुल्ला का मकान तो धर्मशाला अथवा सार्वजनिक कार्यालय...
    ३३५ B (१,४९७ शब्द) - ०४:११, ४ अगस्त २०२३
  • मेरे १००) तो कहीं गये ही नहीं। मुझे क्या कुत्ते ने काटा है, जो लोगों की जेब में हाथ डालती फिरूँ? [ ६४ ]चौधरी की एक न चली। आबदी के सामने दबना पड़ा। नाच...
    ६५३ B (२,५८९ शब्द) - २१:५१, १३ जुलाई २०२०
  • जालपा ने उसे तीन लिफाफे डाक में छोड़ने के लिए दिए। इस वक्त उसने तीनों लिफाफे जेब में डाल लिए, लेकिन रास्ते में उन्हें खोलकर चिट्ठियां पढ़ने लगा। चिट्टियां...
    ४०७ B (३,०९७ शब्द) - २०:४१, २९ जुलाई २०२३
  • चादर गले में डाली, कुछ रुपये लिए, अपना कार्ड निकाल कर एक दूसरे कुर्ते के जेब में रक्खा, छड़ी उठाई; और चुपके से बाहर निकले। सब नौकर नींद में मस्त थे। कुत्ता...
    २४० B (२,७५० शब्द) - ०७:४२, १९ सितम्बर २०२१
  • बुरा न मानना। साथ के रुपयों को अपनी जेब-खर्च के लिए रखता । आवश्य- कता पड़ने पर, मैं शहर में रहूँ या न रहूँ, खर्च के लिए पैसों की जरूरत पड़े तो इस नये...
    ३४० B (२,९३२ शब्द) - १२:४२, २५ अप्रैल २०२१
  • है? क्या हरकिशोर की धमकी से डर गए? ऐसा हो तो विश्वास रखो कि मेरी सब दौलत ख़र्च हो जायगी तो भी तुम्हारे ऊपर आंच न आने दूँगा” लाला मदनमोहन ने कहा. "नहीं...
    ५८४ B (१,८४८ शब्द) - १७:०३, २९ जुलाई २०२३
  • देर में स्थिर हुई, और कुछ रोष-भरी दृष्टि से मेरी ओर देखने लगी। मैंने भंपकर जेब से एक अंग्रेजी दैनिक निकाला और पढ़ने लगा। हठात् अंग्रेजी के संक्षिप्त और...
    ३९७ B (२,८२३ शब्द) - १६:२८, ११ अप्रैल २०२२
  • कपडे की बड़ी दूकान है। इनके बड़े भाई इनमे बेरुग्बी से पेश आते है। इन्हें जेब खर्च के लिए कुछ नहीं देने । हिसाब भी नहीं दिखाते, मारा नफा खुद हजम कर जाते है।...
    २७३ B (१,०६२ शब्द) - २१:४१, १३ जनवरी २०२४
  • कहीं और न चले गए हों। अभी दस मिनट हुए, उन्होंने मेरे नाम एक पुरजा लिखा था। (जेब से टटोलकर) जी हां, देखिए वह पुरजा मौजूद है। आप उन पर कृपा रखते हैं, तो कोई...
    ४१३ B (३,०९२ शब्द) - २०:४१, २९ जुलाई २०२३
  • ही पर कमर कसे था, इसलिए उनके उपदेश पर ध्यान न देकर वहाँ से निकल चला । जेब में खर्च के लिए कुछ रुपया आ ही गया था; अतएव स्थल-मार्ग से मैं लन्दन को रवाना हुआ...
    ५८७ B (१,८०० शब्द) - ०६:३८, २६ अप्रैल २०२१
  • सलीम ने जैसे चौंककर जेब में हाथ डाला और एक खत निकालता हुआ बोला-लाहौल विलाकूवत। इस खत की याद ही न रही। आज चार दिन से आया हुआ है। जेब में ही पड़ा रह गया।...
    २८० B (३,५२५ शब्द) - १८:१६, २१ जुलाई २०२३
  • जाऊं। पांच सौ रुपये नकद थे, वह तो मैंने थैली में रक्खे तीन सौ रुपये के नोट जेब में रख लिए और घर चला। चौक में एक-दो चीजें लेनी थीं। उधर से होता हुआ घर पहुंचा...
    ३९५ B (३,०७४ शब्द) - २०:३८, २९ जुलाई २०२३
  • मेरे १००) तो कहीं गये ही नहीं। मुझे क्या कुत्ते ने काटा है, जो लोगों की जेब में हाथ डालती फिरूँ? [ ६४ ]चौधरी की एक न चली। आबदी के सामने दबना पड़ा। नाच...
    ६६८ B (२,७१४ शब्द) - ०९:२७, ११ जुलाई २०२०
  • तुम्हें सरकार जो वेतन देती है, वह इन्हीं की जेब से आता है। सेठ––मुझे इससे कोई मतलब नहीं कि मेरा वेतन किसकी जेब से आता है। मुझे जिसके हाथ से मिलता है, वह...
    ३०८ B (३,९२४ शब्द) - ०१:१९, ४ अगस्त २०२३
  • एक बड़ा हिस्सा केवल लोकसेवाके लिए ही अर्पित कर दिया था एवं उसके लिए मैं जेब-खर्चसे अधिक कुछ नहीं लेता था और कभी-कभी तो वह भी छोड़ देता था। मैं यह मानकर...
    ३०२ B (१,०९२ शब्द) - ०४:१३, ४ अगस्त २०२३
  • और न चले गये हों। अभी दस मिनट हुए, उन्होंने मेरे नाम एक पुरजा लिखा था। (जेब में टटोलकर) जी हाँ, देखिए, यह पुरजा मौजूद है। अाप उन पर कृषा रखते हैं, मापसे...
    २१५ B (५,८९१ शब्द) - १८:५३, २४ जनवरी २०२०
  • कहकर उनका अहसान माना और तब प्रियानाथ ने फिर पूछा -- "और महाराज, मेरे सामने (जेब में से पोटली निकालते हुए) इसे फेंकनेवाला कौन था? और उन दोनों रमणियों को यह...
    ५३५ B (२,३६५ शब्द) - २२:३२, ५ अक्टूबर २०२०
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