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कहीं आपका मतलब ब्राह्मण की आयु तो नहीं था?
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  • में चंद्रमा। तिस समै ब्रह्मा आदि सब देवता अपने अपने विमानो में बैठे, आकाश में ग्वाल-मंडली का सुख देख रहे थे- कि तिनमें से आय ब्रह्मा सब बछड़े चुराय ले गया...
    ३८९ B (५७५ शब्द) - ०७:५२, ३० नवम्बर २०२१
  • पंद्रहवाँ अध्याय शुकदेवजी बोले―हे राजा, जद श्रीकृष्ण ने अपनी माया उठा ली तद ब्रह्मा को अपने शरीर का ज्ञान हुआ, तो ध्यान कर भगवान के पास को अति गिड़गिड़ाय पाओ...
    ३९१ B (२२२ शब्द) - ०७:५२, ३० नवम्बर २०२१
  • स्वामी विवेकानंद ब्रह्म और जगत् 168383ज्ञानयोग — ब्रह्म और जगत्1950स्वामी विवेकानंद [ १४१ ]   ७. ब्रह्म और जगत् अद्वैत वेदान्त के इस विषय की धारणा करना अत्यन्त...
    ५१९ B (६,८३१ शब्द) - ०७:५२, २५ मार्च २०२३
  • किसीने पूछा कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश इन तीनो देवताओं में बड़ा कौन है सो कृपा कर कहो। इसमें किसीने कहा शिव, किसने कहा विष्णु, किसीने कहा ब्रह्मा, पर सबने मिल...
    ४९५ B (१,५१५ शब्द) - ०८:३५, ५ दिसम्बर २०२१
  • करि बिरह तजौगी मिलै ब्रह्म तब आय। तत्त्वज्ञान बिनु मुक्ति न होई निगम सुनाबत गाय॥ सुनत सँदेस दुसह माधव के गोपीजन बिलखानी। सूर बिरह की कौन चलावै, नयन ढरत...
    ५६९ B (७७ शब्द) - ०४:४०, २६ अगस्त २०२०
  • दिया। तुम केवल जसोदासुत नहीं हो, तुम्हें तो ब्रह्मा, रुद्र, इन्द्रादि सत्र देवता बिनती कर लाये हैं संसार की रक्षा के लिये। हे प्राननाथ, हमे एक अचरज बड़ा...
    ४२७ B (३६५ शब्द) - १७:४४, ३ दिसम्बर २०२१
  • वृक्ष रोम, अग्नि मुख, दुसो दिसा कान, नैन चंद्र औ भानु, इद्र भुजा, बुद्धि ब्रह्मा, अहंकार रुद्र, गरजन बचन, प्रान पवन, जल वीर्य्य, पलक लगाना रात दिन, इस रूप...
    ३९३ B (१५७ शब्द) - १५:२४, ४ दिसम्बर २०२१
  • भिन्न माना है और दोनों की बड़ी मानता और पूजा होती है। ब्रह्मा भी एक देवता हैं। ब्रह्मा का नाम वेद में आया है। नये धर्म ने इनको ईश्वर की [ ८१ ] त्रिमूर्ति का...
    ७०२ B (७८७ शब्द) - २२:५५, १३ सितम्बर २०२०
  • सर्वाभरण भूषिता जगद्धात्रीकी मूर्ति रखी है। महेन्द्रने पूछा-"ये कौन हैं?" ब्रह्मा-“मां, जैसी पहले थी, उसीकी वह मूर्ति है।" महेन्द्र-मांने हाथी और सिंह आदि...
    ३२७ B (१,१८३ शब्द) - ०३:२३, २० मार्च २०२१
  • हो तो नरपुर छोड़ रसातल जाऊँँ। इंद्र सुन सब देवताओं को साथ ले ब्रह्मा के पास गये। ब्रह्मा सुन सबको महादेव के निकट ले गये। महादेव भी सुन्न सबको साथ ले वहाँ...
    ४३७ B (३,२०२ शब्द) - ०३:३४, २१ नवम्बर २०२१
  • तुम सीख आए मित्र?" "खाक सीख आया। अरे कुछ विद्या भी हो! छल है छल। कोरा पाखण्ड! यज्ञ के ब्रह्मा को बना दिया ब्रह्म! पहले ब्रह्मा को लूट के माल में काफी हिस्सा...
    ४३७ B (२,२७७ शब्द) - १४:३६, २७ जुलाई २०२०
  • का अत्यन्त सुंदर था। चन्द्रमा मारे लज्जा के छिप रहे और ब्रह्मा के पास फ़रियाद लेकर गए, ब्रह्मा ने उन को समझा कर फिर भेजा और कहा कि जाओ अब स्त्रियां घूंघट...
    ५२५ B (७५२ शब्द) - १९:४४, २६ जुलाई २०२३
  • माना। भेद न कुछ तुम्हारा जाना॥ तुम परमेश्वर सब के ईस। और दूसरों को जगदीस॥ ब्रह्मा रुद्र आदि बरदाई। तुम्हरी दुई संपदा पाई॥ जगत पिता तुम निरामनिवासी। सेचत...
    ३९३ B (३८७ शब्द) - १६:२८, २ दिसम्बर २०२१
  • जन्म ले आई हैं औ इसी भाँति श्रीराधिका भी ब्रह्मा सै बर पाय श्रीकृष्णचंद की सेवा करने को जन्म ले आई और प्रभु की सेवा में रही। इतना कह श्रीशुकदेवजी बोले–महाराज...
    ४८३ B (८६३ शब्द) - १७:५५, ३ दिसम्बर २०२१
  • कोर्पियेगा तधी वे भाग जायँगे। विनकी क्या सामर्थ है जो तुम्हारे सनमुख हो। ब्रह्मा तो आठ पहर ज्ञान ध्यान में रहता है, महादेव भाँग धतूरा खाय, इंद्र का कुछ...
    ३८३ B (५३६ शब्द) - ०२:५०, २५ नवम्बर २०२१
  • इनकी आयु १२० वर्ष की ठहरती है। कहते हैं कि कबीरजी की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने संवत् १५२१ में किया था जब कि उनके गुरु की अवस्था ६४ वर्ष की थी।...
    ८६८ B (१,७९५ शब्द) - १३:५५, २८ सितम्बर २०२०
  • है, उसको देखकर बंगाली-जीवनका अध्ययन करनेकी मेरी इच्छा तीव्र हुई । उसमें ब्रह्म-समाजके विषयमे तो मैंने ठीक तौरपर साहित्य पढ़ा था और सुना भी था । प्रतापचंद्र...
    ३४४ B (१,०२४ शब्द) - ०४:०८, ४ अगस्त २०२३
  • नियम की धर्म-पुस्तक की उस कथा का स्मरण आ जाय कि सेमुअल ने कैसे अलौकिक शब्द सुना था। अग्नि ने कहा―‘सत्यकाम’ मैं तुम्हें ब्रह्म का कुछ उपदेश देने आया हूँ।...
    ५६१ B (७,२८२ शब्द) - ०६:११, १४ अगस्त २०२१
  • मेरे सीस पर धरेगे। तब मै उस चंद्र बदन की [ १२१ ]शोभा इकटक निरख अपने नैन चकोरो को सुख दूँगा, कि जिस का ध्यान ब्रह्मा, इंद्र, आदि सब देवता सदा करते है। इतनी...
    ३९९ B (४९७ शब्द) - १८:२०, ३ दिसम्बर २०२१
  • कहे तब और की किसने चलाई। मन ही मन सब मुनियो ने जद इतना कहा तद नारदजी बोले―, सुनौ सभा तुम सब मन लाये। हरि माया जानी नहीं जाय॥ ये आपही ब्रह्मा हो उपजावते...
    ६०९ B (८०० शब्द) - ०८:३७, ५ दिसम्बर २०२१
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