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  • पाणिनि, महादार्शनिक असंग और वसुबन्धु पठान ही थे। कहना चाहिए कि ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी से ईसा की दसवीं शताब्दी तक, बारह सौ वर्ष का गान्धार-अफगानिस्तान बौद्धधर्म...
    २१४ B (३,४०१ शब्द) - ०६:१०, २९ जुलाई २०२३
  • यू०१६-२५३) | यह रुद्रौन हितोयका पुत्र था और अपने भाई विवसिंहका उत्तराधिकारी हुआ । इ० सं० २०१ में यह क्षत्रप हुमा और कमसे कम श ६० ३०४ तक अवश्य इस पद पर...
    ४८४ B (८,३२४ शब्द) - ००:०१, २६ अक्टूबर २०२०
  • मर्यादा ( पत्रिका } १२६ . मल्लिका देवी या बैंगसरोजिनी ५०० मंगलघट ६१३ महात्मा ईसा ५५६ ,, मंगलप्रभात ५४२ महादे-गोरख-संवाद १८ पडोवर का वर्णन ४१३ महाभारत ४४६ :...
    ३९६ B (३,२९१ शब्द) - १७:३५, २७ जुलाई २०२३
  • ग्रन्थ बालसँनके समय में ही बना था। अतः उसका सिर वन झुछ भी हो स¥ता। Fe७ [ २५३ ]________________ मारतके प्राचीन राजर्व बालसेन अपनी ही इच्छा अनुसार वर्षा-व्यवस्था...
    ३९५ B (४१,५६३ शब्द) - ०१:४०, ३० जुलाई २०२३
  • मालूम होती हैं। इस ग्रन्थ में हनोवर के संबन्ध में लिखा गया है कि वहाँ विवाह के पूर्व पारस्परिक सहवास का नियम है। कम से कम विवाह के पूर्व एक दूसरे की परीक्षा...
    ५३५ B (१३,०४४ शब्द) - ०४:५६, २३ नवम्बर २०२०
  • के प्रयोगों में भी विशेषता है । जो उसको अन्य भाषाओं अथवा प्रान्तिक [ २५३ ]( २५३ )बोलियों से अलग करती है। सूरदास जी ने अपनी रचना में इनके शुद्ध प्रयोगों...
    ७९२ B (५,९२३ शब्द) - १९:०६, १० जुलाई २०२१
  • मोवि य गणितम भापमन मेर नहीं साते । यदि मयन् १४५५ और माचे. [ २२ ]1३६६ मते २५३ निकालें कश ११६' और १०३६ वी रहत है। परन्तु एक तो वि० स० और श स का आपका अन्तर...
    ४१४ B (४,५३४ शब्द) - ११:३२, २ अक्टूबर २०२०
  • वि सं. ५७ ) में होना मान कर इस मंघन के गत वर्ष स्थिर किये परंतु अब बहुत से विद्वानों का मानना यह है कि ईसा का जन्म ई स पूर्व ८ से ४ के बीच हुआ था न कि ई...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१
  • और वे अपने पूर्व पूर्व पितरों के साथ वहाँ वास करते हैं। क्रमशः अन्यान्य भाव आये, किन्तु इन सभों से लोगों के प्राण पूर्ण तृप्त न हो सके। इस स्वर्ग से भी...
    ६२३ B (९,२०६ शब्द) - ०७:४७, २५ मार्च २०२३
  • कार्यालय के लिए यह असंभव है कि वह अपनी आखें सब तरफ से बन्द कर लें। अपनी नीयत [ २५३ ]ठीक करने का यह प्रमाण दे दो, बस मैं तुम्हें अपने यहाँ रख लूंगा, नहीं तो...
    २२० B (५,७९१ शब्द) - ०२:२९, २५ अगस्त २०२१
  • और न अलकापुरी ही को। इन दोनों नगरियों का राज्य पाकर उनका स्वामी [ ३१४ ] २५३ सोलहवाँ सर्ग। होने की इच्छा उसके मन में न उत्पन्न हुई। उसने अलका के स्वामी...
    ५०९ B (५,६३७ शब्द) - ०६:२१, १८ सितम्बर २०२१
  • और साहित्य-सेवियां की कृपा से वह अङ्क,रित होकर शीघ्र ही पल्लवित होने के [ २५३ ] लक्षण दिखा रहा है। जिसकी रक्षा का भार मनुष्यरूप में गणेश और शिव, कृष्ण...
    ५१० B (१५,८०५ शब्द) - ०५:३६, १५ सितम्बर २०२१
  • में उनकी कृतियों की उपेक्षा की जा सकती है या उनका विस्मरण हो सकता है ? [ २५३ ](१२) सन् १९३७ के जुलाई मास से, ६२ वर्ष की आयु होने पर वर्ष से अधिक काशी-विश्वविद्यालय...
    ३९२ B (१०,६७२ शब्द) - ०४:२८, १३ अक्टूबर २०२१
  • पास बाग परानिया में पहुंचा। यह पड़ाव भी बहुत सुरग्य और हरा भरा था।" . [ २५३ ]Horror संवत् १६७३। २५१ wwra.mm मागुन नदौ ३ को साढ़े तीन कोन पर देपालपुरमें...
    १२८ B (७४,४४७ शब्द) - १७:३०, १३ फ़रवरी २०२१
  • अब और तब (भूतकाल ) में और जब (भविष्यत् ) में एक राम ही से मेरा भला है। [२५३] महाराज बलि जाउँ रामसेवक सुखदायक। महाराज बलि जाउँ राम सुन्दर सब लायक॥ महाराज...
    ३३१ B (५८,७७८ शब्द) - १४:४३, ५ अगस्त २०२१