खोज परिणाम
दिखावट
इस विकि पर "जैन" नाम का पृष्ठ बनाएँ! खोज परिणाम भी देखें।
- भारतवर्ष का इतिहास ई॰ मार्सडेन 121368भारतवर्ष का इतिहासई॰ मार्सडेन १२—जैन। १—जिस समय बुद्ध जी जीते थे और अपने मत को फैला रहे थे उसी समय एक और क्षत्रियकुमार...४९२ B (४११ शब्द) - २०:५३, ४ अगस्त २०२०
- अनुवादक विद्याभूषण पं॰ गोविन्दराय जैन, शास्त्री 卐 [महावीर जयन्ती, वीर सं॰ २४८०] प्रकाशक— पं॰ गोविन्दराय जैन, शास्त्री महरौनी (झाँसी) उ॰ प्र॰ ...४४९ B (७५० शब्द) - २३:४७, ७ जुलाई २०२४
- गुप्त ऋषभचरण जैन एवम् सन्तति बाबू बालमुकुन्द गुप्त कृत शिवशम्भु के चिट्ठे सम्पादक डॉ॰ विजयेन्द्र स्नातक @ दिग्दर्शन चरण जैन नयी दिल्ली Shivashambhoo...४३२ B (४०५ शब्द) - २१:४९, २८ जुलाई २०२०
- किसी जैन मुनि का हैं, चन्द्रगुप्त को राज छोड़ कर यति-धर्म ग्रहण करने का प्रमाण दिया जाता है। अनेको ने तो यहाँ तक कह डाला हैं कि उसका साथी चाणक्य भी जैन था।...५२४ B (८१२ शब्द) - ०२:५०, ४ सितम्बर २०२१
- रहे। १८७३ मे आप डाक्टर बूलर के साथ हिन्दुस्तान आये। यहीं आपका परिचय जैन-धर्म्म और जैन-साहित्य से हुआ। तभी से आपने इन विषयों का अध्ययन आरम्भ कर दिया और धीरे-धीरे...३६० B (६१२ शब्द) - १५:५१, ३१ अक्टूबर २०२१
- को अपना अपना बनाने के लिए परस्पर होड़ लगा रहे हैं। इन सबके बीच जैन कहते हैं कि "यह तो जैन ग्रन्थ है, सारा ग्रन्थ "अहिंसा परमो धर्म" की व्याख्या है और इसके...३६३ B (४,९५७ शब्द) - १३:२३, १९ जुलाई २०२१
- चार्वाक का जो मत है वह तथा बौद्ध और जैन का जो मत है वह भी १२ वें समुल्लास में संक्षेप से लिखा गया है और बौद्धों तथा जैनियों का भी चार्वाक के मत के साथ मेल...६८६ B (२,१७६ शब्द) - ०३:२६, ४ अगस्त २०२३
- अत्याचार करती हो जेनी ! जेनी-अपने उन्माद का प्रमाण देना चाहते हो? कावर्ड --हृदय से, जेनी ! मैं उस अवसर की ताक में बैठा हूँ। उसी दिन शाम को जेनी ने मनहर से कहा-...३२७ B (६,८२१ शब्द) - २२:५४, २१ मई २०२१
- ८—अयोध्या और जैनधर्मलाला सीताराम आठवाँ अध्याय। अयोध्या और जैन-धर्म। आदि पुराण जैन-धर्म का बड़ा प्रामाणिक ग्रन्थ है। इसमें लिखा है कि विश्व की कर्मभूमि...५५१ B (१,२६४ शब्द) - ०४:५३, ११ जून २०२३
- कि देवपति और खेव (क्षेव ) पति नाम के दो जैन-धर्मावलम्बी भाई थे। उन्होंने देवगढ़ का किला बनवाया और शहर बसाया। जैन मन्दिर भी, जो वहाँ पर इस समय भी विद्यमान...४०८ B (२,३६८ शब्द) - १९:०४, १३ दिसम्बर २०२०
- जहँ देखहु तहँ दुःखहि दुःख दिखाई। हा हा ! भारतदुर्दशा न देखी जाई॥ लरि बैदिक जैन डुबाई पुस्तक सारी। करि कलह बुलाई जवनसैन पुनि भारी॥ तिन नासी बुधि बल विद्या...५०३ B (२१६ शब्द) - ०३:४६, १९ मई २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 156084कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः ८६ उद्धतता औद्धत्येन परेषान्तु परिहासं...४९५ B (१२६ शब्द) - ०३:३८, १ सितम्बर २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 155477कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः ११ कृतज्ञता या दया क्रियते भव्यैराभारस्थापनं...४४५ B (१११ शब्द) - १७:५४, १० जुलाई २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 155467कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः २ मेघमहिमा यथासमयसंजाता वृष्टिर्यस्योपकारिणी।...४७६ B (११० शब्द) - १३:०४, १० जुलाई २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 155664कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः ३५ त्याग: मन्ये ज्ञानी प्रतिज्ञाय यकिञ्चित्...४९१ B (१०७ शब्द) - ००:१२, २४ जुलाई २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 155670कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः ३६ सत्यस्यानुभूतिः अनित्ये खलु संसारे...४२५ B (११५ शब्द) - ००:५८, २४ जुलाई २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 155998कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः ५९ गुप्तचर: नेत्रद्वयेन भूपालो वीक्षते...४१३ B (११४ शब्द) - १२:१३, १८ अगस्त २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 156098कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः ९९ योग्यता कार्यस्वरूपमालोच्य योग्यतायै...४१५ B (११२ शब्द) - १०:३१, १ सितम्बर २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 155472कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः ७ संततिः यदि पुण्यात् कुले जन्म बुद्धिमत्याः...३७९ B (११४ शब्द) - १३:२३, १० जुलाई २०२१
- कुरल-काव्य तिरुवल्लुवर, अनुवादक पं० गोविन्दराय जैन 155474कुरल-काव्यपं० गोविन्दराय जैनतिरुवल्लुवर परिच्छेदः ९ अतिथिसत्कारः बहुकष्टसमाकीर्ण गृहमारं...४०९ B (११५ शब्द) - १३:३०, १० जुलाई २०२१