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  • लाला, यहाँ तो छ: महीने बाहर रहते हैं, तो छ: साल भीतर। अब तो यही आरजू है कि अल्लाह यहीं से बुला ले। मेरे लिये बाहर रहना मसीबत है। सबको अच्छा-अच्छा पहनते, अच्छा-अच्छा...
    २७८ B (२,८०७ शब्द) - १८:१८, २१ जुलाई २०२३
  • राजा, क्या रक, किसीसे डरनेकी जरूरत न रह जाए। 'अल्लाहो अकबर' की पुकारोसे आपको क्यो डरना चाहिए? अिस्लामका अल्लाह तो बेगुनाहोकी हिफाजत करनेवाला है। पूर्वी बगालमे...
    २९३ B (५२८ शब्द) - २१:५५, ३१ जुलाई २०२३
  • लक्षण जानकर पार ले चला। वह मुसल्मान लोग पाल खोलकर खड़े हो गये, और "अल्लाह अल्लाह" कहकर नौका से जल गेरने लगे। नौका के अभ्यन्तर स्त्रियों में एक बालिका...
    ४६१ B (१,४१० शब्द) - १९:२०, ४ अगस्त २०२३
  • जरूरी नहीं कि वह रामके रूपमे ही भगवानको पहचाने—अुसका नाम ले। वह मन-ही-मन अल्लाह या खुदाका नाम भी अिस तरह जप सकता है, जिससे अुसमे बेसुरापन न आवे।" हरिजनसेवक...
    २४० B (२०२ शब्द) - २१:५४, ३१ जुलाई २०२३
  • किन्तु यह नाम-ध्वनि अतस्तलसे अुठनी चाहिये। हरिजनसेवक, १२-१२-१९३६ अिस्लामका अल्लाह वही है, जो अीसाअियोका गॉड और हिन्दुओका अीश्वर है। जिस तरह हिन्दु धर्ममे...
    २२८ B (२१४ शब्द) - २१:५३, ३१ जुलाई २०२३
  • रामनाम ले, तो अुसकी व्याधि नष्ट होनी चाहिअे। रामनाम यानी अीश्वर, खुदा, अल्लाह, गॉड। अीश्वरके अनेक नाम है, अुनमे से जो जिसे ठीक लगे, अुसे वह चुन ले, लेकिन...
    २८९ B (२४९ शब्द) - २१:५४, ३१ जुलाई २०२३
  • 56016रामनाममोहनदास करमचंद गाँधी   ​३ रामनाम : हमारा अेकमात्र आधार राम, अल्लाह, गॉड सब मेरे नजदीक अेकार्थक शब्द है। मैने देखा कि सीधे-भोले लोगोने धोखेसे...
    २७९ B (२५१ शब्द) - २१:५८, ३१ जुलाई २०२३
  • ज़ुल्मतनिशान में दिखलाना मंजूर है तो बेशक मेरी मुराद बर आएगी। काजी––इन्शा अल्लाह तआला। शरीफ––कसम है कलामे शरीफ की, मेरी ख़ुराक आगे से इस तफक्कुर में आधी...
    ४२७ B (३४१ शब्द) - ०४:३२, १९ मई २०२१
  • चलो बेटा, अल्लाह तम्हारी उम्र दराज करे। मेरा बच्चा इस बुढ़िया के लिए इतना हैरान हो रहा। इत्ती दूर से दौड़ा आया। पढ़ने जाते हो न बेटा, अल्लाह तुम्हें बड़ा...
    २५० B (६,०९४ शब्द) - १८:१८, २१ जुलाई २०२३
  • जहाँ हो है वहाँ काम हमारा॥ जर दीन है कुरआन है ईमाँ है नबी है। जर ही मेरा अल्लाह है जर राम हमारा॥ भठि॰––ले मैं तो मियाँ के वास्ते खाना बनाने जाती हूँ। पीक॰––तो...
    ४५७ B (४६२ शब्द) - ०४:३८, १९ मई २०२१
  • भीतर आकर कहा--अल्लाह करे जुग-जुग जिये और मेरी उम्र पाये। क्यों बेटा, सारे शहर का नेवता हुआ और हम पूछे तक न गये! क्या हमीं सबसे गैर थे? अल्लाह जानता है, जिस...
    २६० B (३,३३५ शब्द) - १८:१७, २१ जुलाई २०२३
  • लेकिन अुसके बगैर आप अेक सास भी नही ले सकते। अुसे आप चाहे अीश्वर कहिये, अल्लाह कहिये, गॉड कहिये, या अहुरमज्द कहिये। दुनियामे जितने अिन्सान है, अुतने ही...
    २४८ B (५८५ शब्द) - २१:५४, ३१ जुलाई २०२३
  • उसके अब्बाजान रुपये कमाने गये हैं। बहत-सी थैलियाँ लेकर आयेंगे। अम्मीजान अल्लाह मियाँ के घर से उसके लिए बड़ी अच्छी-अच्छी चीजें लाने गयी हैं। इसलिए हामिद...
    ५३८ B (५,०५० शब्द) - ०९:०९, १७ जुलाई २०२०
  • उसके अब्बाजान रुपये कमाने गये हैं। बहुतसी थैलियाँ लेकर आयेंगे। अम्मीजान अल्लाह मियाँ के घर से उसके लिए बड़ी अच्छी-अच्छी चीजें लाने गई हैं। इसलिए हामिद...
    २५४ B (५,०३४ शब्द) - २१:१५, ३० जुलाई २०२३
  • ५ तोड़े भी हाथ न आए, तो कुछ न हुआ। इधर कई दिनों से बिलकुल खाली जाता था, अल्लाह ने एक साथ भारी रकम भेज दो। कल रात बी बन्नी कड़कविजली और झूमड़ के लिये झगड़...
    ३९३ B (८६८ शब्द) - १५:४०, १५ अक्टूबर २०२१
  • तो पहचानेंगे भी नहीं। नहीं तो पैसे-धेले की मूली-तुरई उधार ले जाते थे। अल्लाह बड़ा कारसाज है। अब तो लड़का भी हाकिम हो गया है। क्या पूछना है। ​ जंगली घोसी...
    २८६ B (२,१५४ शब्द) - १८:१५, २१ जुलाई २०२३
  • जुम्मन बोले—पंच का हुक्म अल्लाह का हुक्म है। खालाजान जिसे चाहें, उसे बदें, मुझे कोई उज्र नहीं। खाला ने चिल्ला कर कहा—अरे अल्लाह के बन्दे! पंचों का नाम क्यों...
    ४२४ B (४,१२९ शब्द) - ०१:०७, २३ अगस्त २०२१
  • कर डाला, तो बहुत नहीं है। महाशय 'ख' तो बिलकुल निहग हैं। 'जोरु न जाँता, अल्लाह मियाँ से नाता' ; पर उनके ज़िम्मे भी एक हजार से कम न होंगे। किसीको क्या अधिकार...
    ३६० B (१,३४२ शब्द) - २३:०५, २१ मई २०२१
  • जुम्मन बोले, पञ्चका हुक्म अल्लाह का हुक्म है। खालाजान जिसे चाहे बदें, मुझे कोई उज्र नहीं। खालाने चिल्लाकर कहा, अरे अल्लाह के बन्दे। पञ्चोके नाम क्यों...
    ३७२ B (४,३२५ शब्द) - २०:५७, २५ अप्रैल २०२२
  • महाजनके होते हैं, गरीब कहाँतक भरेगा? ​⁠फत्तू--मुसीबतमें जो मदद की जाती है वह अल्लाह की राहमें की जाती है। उसे कर्ज नहीं समझा जाता। हरदास--तुम अपने १००) तो सीधे...
    २५४ B (१,०३५ शब्द) - ००:०३, २८ मार्च २०२१
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